भ्रष्टाचार एवं संगीन मामलों की जांच में देरी ,एसीबी के सुस्त रवैये पर खंडपीठ ने जारी किए स्ट्रिक्चर

punjabkesari.in Friday, Oct 23, 2020 - 04:24 PM (IST)

जम्मू (जे.एन.एफ): जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस संजय धर की खंडपीठ ने भ्रष्टाचार एवं अन्य संगीन मामलों की जांच में देरी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एंटी क्रप्शन ब्यूरो के सुस्त रवैये पर स्ट्रिक्चर जारी किए हैं और कहा कि मामलों पर अभी तक चालान पेश नहीं किए। खंडपीठ ने कहा कि एफआईआर में गंभीर अपराधों पर भी विश्वास नहीं बढ़ाया और कहा कि अगर एसीबी दर्ज एफआईआर की जांच में मुश्किल आ रही है तो इस बारे कोर्ट को बताया जाए ताकि अन्य विकल्पों पर गौर उन्हें लॉजिकल अंत तक लाया जाए न कि दबा दिया जाए। 

 


खंडपीठ ने सामान्य प्रशासनिक विभाग जीएडी को भी निर्देश दिए हैं कि इस बारे जानकारी दी जाए और सचिव जीएडी स्वयं अगली सुनवाई पर पेश हो। इससे पहले खंडपीठ ने सामान्य प्रशासनिक विभाग को उन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करत जो भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त हैं। अगर कार्रवाई नहीं होती और किसी अधिकारी को लिप्त पाए जाने पर सस्पेंड किया है तो उसे कब तक ऐसा रखा जाए? जब इस मामले पर खंडपीठ ने 21 जुलाई 2020 को इस बारे प्रतिवादी से जानकारी मांगी गई जिसमें गंभीर अपरध भीा शामिल हैं जो भ्रष्टाचार एक्ट निरोधक के तहत और अभी तक इनकी जांच पूरी नहीं हुई और चालान कोर्ट में पेश नहीं किया गया।  खंडपीठ का मानना था कि 1998 से 2018 तक 295 तक मामले एंटी क्रप्शन ब्यूरो में दर्ज किए जिसमें 31 मामलों की जांच लंबित है और चालान नहीं पेश किया जबकि कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किए हुए हैं। 


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Monika Jamwal

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