सिसोदिया बोले- देश की चुनौतियों से निपटना सबसे बड़ी देशभक्ति

punjabkesari.in Friday, Oct 22, 2021 - 07:22 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के सामने हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलना, बेरोजगारी और आर्थिक प्रगति की धीमी दर जैसी तीन सबसे बड़ी चुनौतियाँ है इसलिए युवाओं को देशभक्ति के जज़्बे के साथ अपने ज्ञान इसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए। सिसोदिया ने महान देशभक्त शहीद अशफाकउल्लाह खान के 121वीं जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी(एनएसयूटी) में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज 21 साल की जिस उम्र में युवा अपने करियर के बारे में सोच रहे होते है उस उम्र में शहीद अशफाकउल्लाह खान ने देश को अंग्रेजों से मुक्त करवाने को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा और आजादी के आन्दोलन में शामिल हो गए और मात्र 27 साल की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

डिप्टी सीएम ने कहा कि आज देश के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियाँ है। हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलना, बेरोजगारी व आर्थिक प्रगति की धीमी दर। ऐसे में जरुरी है कि देशभक्ति के जिस जज्बे के साथ शहीद अशफाकउल्लाह खान जैसे क्रांतिकारियों ने भारत को आजादी दिलाई थी ठीक उसी जज्बे और देशभक्ति के साथ हमारे युवा अपने ज्ञान के द्वारा देश की चुनौतियों को दूर करने का काम करे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि हमारे युवा इन चुनौतियों से निपटने का ख्वाब पाले। एक सपना जरुर देखें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार देश में मौजूद इन चुनौतियों से निपटने के लिए देशभक्ति, हैप्पीनेस व एंत्रप्रेन्योरशिप पाठ्यक्रमों की मदद से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में देशभक्त बच्चे तैयार कर रही है। उल्लेखनीय है कि शहीद अशफाकउल्लाह खान के जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हुए एनएसयूटी में वल्डर् क्लास स्किल सेंटर, 400 हाई-एंड कंप्यूटर से लैस हाई परफोर्मिंग कंप्यूटर सेंटर, वर्ल्ड क्लास आर्ट स्टूडियो और शहीद अशफाकउल्लाह फिटनेस सेंटर की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि देशभक्ति हम सभी के भीतर होती है लेकिन हम अपने सुविधा के अनुसार देशभक्ति को अपना रहे है। इस देशभक्ति के दायरे को बढ़ाने के लिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य रोजमरर की जिन्दगी में देशभक्ति का दायरा बढ़ाना है और देशभक्ति को लेकर जो अधूरापन है उसे ख़त्म करना है। उन्होंने कहा कि ‘‘आज हमें ये सोचने की जरुरत है कि अमर शहीदों में देशभक्ति का ऐसा क्या जुनून था कि आज जिस उम्र में युवा अपने करियर के विषय में सोच रहे होते है उस उम्र में हमारे अमर शहीद देश के लिए जान कुर्बान कर गए।


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Content Writer

Yaspal

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