देश को मिली तीसरी मेड इन इंडिया वैक्सीन- COVID की इस पिल को भी हरी झंडी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 28, 2021 - 12:13 PM (IST)

नई दिल्ली:  कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए सरकार कड़े से कड़े कदम उठा रही हैं। बता दें कि केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ और ‘बायोलॉजिकल ई’ कम्पनी के टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है। साथ ही, कोविड-19 रोधी दवा ‘मोलनुपिराविर’ (गोली) के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग को भी अनुमति मिल गई है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दी। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कॉर्बेवैक्स भारत का पहला स्वदेशी 'आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन' है। इसे हैदराबाद की फर्म बायोलॉजिकल-ई ने बनाया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'यह हैट्रिक है! अब यह भारत में विकसित की गई तीसरी वैक्सीन है।'
 

Congratulations India 🇮🇳

Further strengthening the fight against COVID-19, CDSCO, @MoHFW_INDIA has given 3 approvals in a single day for:

- CORBEVAX vaccine
- COVOVAX vaccine
- Anti-viral drug Molnupiravir

For restricted use in emergency situation. (1/5)

— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 28, 2021

CORBEVAX वैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है,  इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा बनाया गया है। बता दें कि यह भारत में विकसित हुआ तीसरा टीका है। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी है कि नैनोपार्टिकल वैक्सीन, कोवोवैक्स, का निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा 

 
वहीं, नैनोपार्टिकल वैक्सीन- कोवोवैक्स को पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जाएगा। यह कंपनी 'कोविशील्ड' वैक्सीन भी बनाती है। 
 

मनसुख मंडाविया के अनुसार एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरावीर का निर्माण भारत में 13 कंपनियों द्वारा किया जाएगा। इसका इस्तेमाल आपातकालीन स्थिति में कोविड-19 से संक्रमित उन वयस्क मरीजों पर किया जा सकता है जिनमें बीमारी के गंभीर होने का खतरा है।
 

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में ‘मर्क’ कम्पनी की COVID-19 रोधी ‘मोलनुपिराविर’ दवा को संक्रमण के उन मरीजों के इलाज के लिए मंजूरी दी थी, जिन्हें इस बीमारी से खतरा अधिक है। इससे पहले, नवंबर में ब्रिटेन ने ‘मर्क’ की दवा को सशर्त अधिकृत किया गया था, जो कोविड-19 के सफलतापूर्वक इलाज के लिए बनाई गई पहली गोली है। आइसोलेशन में रहने वाले मामूली या हल्के लक्षण वाले मरीजों को इस गोली को 5 दिन तक दिन में 2 बार लेना होगा।


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Content Writer

Anu Malhotra

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