Covid-19: दिल्ली में नहीं हो रहा LG के आदेशों का पालन, अधिकारियों ने बताई अपनी अलग परेशानियां

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 01:33 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा Covid-19 मरीजों को घर में क्वारंटाइन में रखने के संबंध में दिए गए आदेश का अनुपालन करने में अधिकारियों को परेशानी आ रही है क्योंकि मरीज को Covid-19 देखभाल केंद्र तक पहुंचाने के लिए न तो पर्याप्त वाहन हैं और न ही इस संबंध में नियम तय हैं कि मरीजों को देखभाल केंद्र तक कौन पहुंचाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए उपराज्यपाल ने कोविड-19 के प्रत्येक मरीजों के लिए पांच दिन का संस्थानिक क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया था लेकिन आप सरकार द्वारा विरोध के एक दिन बाद इसे वापस ले लिया गया। अब वैसे सभी मरीज जो कोविड-19 से संक्रमित पाए जाएंगे, उनकी जांच कोविड-19 देखभाल केंद्र में पहले की जाएगी ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उन्हें अस्पताल में रखने की जरूरत है या नहीं। इसके अलावा इसकी भी जानकारी हासिल की जाएगी कि मरीज के घर में ही क्वारंटाइन में रहने की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं।

 

इस संबंध में पृथक नीतियों को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक होनी थी लेकिन सोमवार को यह बैठक नहीं हो पाई। इस आदेश को लागू करने के दौरान कई चीजें सामने आईं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहाकि हम आदेश को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस संबंध में कोई नियम तय नहीं है कि कैसे संक्रमित मरीज चिकित्सकीय आकलन के लिए कोविड देखभाल केंद्र तक पहुचेंगे। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास जो वाहन उपलब्ध है उस से ही मरीजों को केंद्रों तक भेजा जा रहा है। वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उन्होंने मरीजों को कोविड-19 केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है लेकिन बढ़ते मामलों को देखते हुए इस आदेश को लागू करवा पाना मुश्किल हो रहा है।

 

एक जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि प्रशासन ने कोविड-19 मरीजों को इन केंद्रों तक पहुंचाने के लिए कैब को किराए पर लिया है। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि सरकार द्वारा 465 एम्बुलेंस लगाए गए हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार को ऐसे मरीजों को केंद्रों तक पहुंचाने के लिए कम से कम 1,000 एम्बुलेंस की जरूरत है। राष्ट्रीय राजधानी में 12,900 मरीज घर में ही क्वारंटाइन में हैं। हालांकि इनमें से कई अभी कई ऐसे आकलन केंद्रों तक नहीं पहुंच पाए हैं। इन मरीजों के पास इस बात को लेकर भी स्पष्टीकरण नहीं है कि इन्हें इन केंद्रों तक कौन ले जाएगा।


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Seema Sharma

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