अदालत ने CBI की अर्जी खारिज की: देशमुख, उनके दो सहयोगियों और वाजे को न्यायिक हिरासत में भेजा

punjabkesari.in Saturday, Apr 16, 2022 - 07:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई में एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख को और तीन दिनों के लिए हिरासत में सौंपने की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि सीबीआई को पर्याप्त हिरासत पहले ही दी जा चुकी है और रिमांड अर्जी में उल्लेख किया गया आधार ‘‘अच्छा और संतोषजनक नहीं'' है। इसके साथ ही, अदालत ने देशमुख, उनके दो सहयोगियों-संजीव पलांदे और कुंदन शिंदे- तथा बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। देशमुख और उनके दो सहयोगी धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद न्याायिक हिरासत में हैं।

अदालत ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया
वहीं, वाजे, उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास एक वाहन से विस्फोटक सामग्री मिलने और मनसुख हिरन हत्या मामले में गिरफ्तार किये जाने के बाद से न्यायिक हिरासत में है। इस महीने की शुरूआत में, भ्रष्टाचार के एक मामले के सिलसिले में सभी आरोपियों को केंदीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया गया था। उनकी रिमांड की अवधि समाप्त होने पर उन्हें विशेष सीबीआई न्यायाधीश डी पी सिंगाडे के समक्ष शनिवार को पेश किया गया। सीबीआई ने और तीन दिनों के लिए देशमुख की हिरासत का अनुरोध किया। हालांकि वाजे, पलांदे और शिंदे के लिए ऐसा आग्रह नहीं किया। सीबीआई के अनुरोध को खारिज करते हुए अदालत ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष सरकारी वकील रतनदीप सिंह ने अदालत से कहा कि पिछली पुलिस हिरासत के दौरान आरोपी से पूछताछ की गई थी और मामले से जुड़े गवाहों/आरोपियों से उनका आमना-सामना कराया गया था। सीबीआई ने अदालत से कहा कि देशमुख के खिलाफ एक आरोप पुलिस अधिकारियों के तबादले या पदस्थापना से संबद्ध है तथा जिन अधिकारियों ने कथित तौर पर रिश्वत देकर अपना तबादला या पदस्थापन कराया था, उनकी पहचान की जानी है और आरोपी व्यक्ति से उनका आमना-सामना कराया जाना है। सरकारी वकील ने कहा कि इसलिए आगे की पूछताछ के लिए और जांच के उद्देश्य से अन्य गवाहों/संदिग्धों से उनका आमना-सामना कराने के लिए देशमुख की और तीन तीन दिनों की पुलिस हिरासत की जरूरत है।

देशमुख 11 दिन उनकी हिरासत में रहे हैं
वहीं, देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने जांच एजेंसी की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि यही कारण पिछली दो रिमांड अजिर्यों में भी बताये गये थे। निकम ने दलील दी, ‘‘देशमुख 11 दिन उनकी हिरासत में रहे हैं। कितनी बार उन्होंने अन्य गवाहों से उनका आमना-सामना कराया? उन्हें अदालत को बताना चाहिए। यह और अधिक समय के लिए हिरासत में रखने का महज एक छ्द्म कारण है।'' निकम ने कहा कि सीबीआई 73 वर्षीय एक व्यक्ति की तुच्छ आधार पर हिरासत मांग रही है, क्योंकि वह कुछ इकबालिया बयान लेना चाहती है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने देशमुख, पलांदे, शिंदे और वाजे को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा, ‘‘आरोपी अनिल देखमुख की सीबीआई को पर्याप्त रूप से हिरासत पहले ही दी जा चुकी है।''

उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले साल मार्च में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को शहर के रेस्तरां व बार से 100 करोड़ रुपये मासिक उगाही का लक्ष्य दिया था। हालांकि, देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है। सीबीआई ने पिछले साल अप्रैल में बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश पर देशमुख के खिलाफ प्राथमिक जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।


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Content Editor

rajesh kumar

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