दिल्ली दंगा: सात आरोपियों को अदालत ने दी जमानत, कहा मुकदमा पूरा होने तक जेल में नहीं रख सकते

punjabkesari.in Wednesday, Jun 30, 2021 - 07:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुई हिंसा से संबंधित हत्या के एक मामले में सात आरोपियों को बुधवार को जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि वह उन्हें मुकदमा पूरा होने तक जेल में नहीं रख सकती है जिसमें कोविड महामारी के कारण देरी होने की संभावना है। यह मामला पिछले साल 24 फरवरी को सांप्रदायिक दंगों के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके में विनोद कुमार की कथित हत्या से संबंधित है।

इस मामले में 12 लोग आरोपी हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सात आरोपियों को राहत प्रदान करते हुए कहा कि वे उन्हें "मुकदमे के समापन तक जेल में नहीं रख सकते हैं, जिसमें बहुत समय लगेगा, विशेष रूप से महामारी को देखते हुए।” न्यायाधीश ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि उनमें से अधिकतर आरोपी एक साल से ज्यादा वक्त से जेल में हैं। उन्होंने कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों, हिरासत की अवधि को ध्यान में रखते हुए सभी आरोपी व्यक्तियों के आवेदनों को स्वीकार किया जाता है और उनकी जमानत स्वीकार की जाती है।”

अदालत ने निर्देश दिया कि सगीर अहमद, नवेद खान, जावेद खान, अरशद, गुलजार, मोहम्मद इमरान और चांद बाबू जमानत की शर्त के तौर पर 20-20 हजार रूपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक एक स्थानीय जमानती पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने आरोपियों को किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होने, अदालत की इजाजत के बिना दिल्ली-एनसीआर के बाहर नहीं जाने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया गया है।

दंगों के बाद, भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, कत्ल की कोशिश, दंगा करने, धार्मिक आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। राजधानी में 23 फरवरी 2020 को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हुई है और 700 से अधिक लोग जख्मी हुए थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Hitesh

Recommended News

Related News