CORONA VIRUS: हवा में भी कई घंटे तक रह सकता है वायरस, शोध में हुई पुष्टि

punjabkesari.in Friday, Apr 03, 2020 - 03:50 PM (IST)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण फैलने को लेकर शुरुआत से यही कहा जा रहा है कि ये हवा के माध्यम से नहीं फैलता, बल्कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के दौरान निकले ड्रॉपलेट्स से फैल है। ये ड्रॉपलेट्स हवा के साथ सामने वाले व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। परन्तु अब एक नई स्टडी में फिर से इस बात की पुष्टि हुई है कि यह वायरस हवा में भी घूमता हुआ मौजूद रह सकता है। अगर किसी कमरे में कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठहरा है, उसके जाने के बाद भी हवा में कोरोना वायरस मौजूद हो सकते हैं। 

जाने के बाद भी कई घंटे तक हो सकता है वायरस 
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की हवा में मौजूदगी को लेकर अमेरिका की नेब्रास्का यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह स्टडी की। इसमें इस बात की पुष्टि हुई है कि मरीज के कमरे से जाने के बाद भी कमरे की हवा में वायरस की मौजूदगी हो सकती है। मरीज के जाने के कई घंटे बाद भी कमरे के वातावरण में काफी मात्रा में वायरस हो सकता है। उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल के जिस वार्ड में या कमरे में कोरोना के मरीज रह रहे हैं, उसके आसपास, कॉरिडोर वगैरह की हवा में भी वायरस हो सकते हैं।

पीपीई की कमी कर सकती है भयानक स्थिति पैदा 
नेब्रास्का यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस स्टडी में उन्होंने 11 मरीजों के कमरों को सैंपल के तौर पर लिया था और पाया कि इन कमरों के भीतर और बाहर की हवा में कोरोना वायरस मौजूद हैं। इस स्टडी को लीड करने वाले संक्रमित रोग विशेषज्ञ और जेम्स लॉलर का कहना था कि हमें जो रिजल्ट मिला है, वह हमारे संदेह की पुष्टि करते हैं हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञ फिलहाल कोई ऐसा आंकड़ा नहीं दे पाए हैं कि अब तक संक्रमित लोगों में से कितने मरीज हवा, ड्रॉपलेट्स, संक्रमित सतह या फिर संक्रमित के संपर्क में आने से इस वायरस की चपेट में आए। ऐसे में यह भी इस शोध से पता चलता है कि इस स्थिति में पीपीई के साथ साथ अन्य जरूरी उपकरणों का होना बहुत ज़रूरी है। देश में अब तक 50 से अधिक डॉक्टरों में भी इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। 


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Riya bawa

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