कोरोना से लड़ने के लिए इसकी बढ़ रही है मांग, देखे कैसे करता है काम
punjabkesari.in Wednesday, Apr 01, 2020 - 11:30 AM (IST)
कोरोना वायरस के कहर से लड़ रहे मरीजों की जान बचाने के लिए अधिक से अधिक मैकेनिकल वेंटिलेटर की मांग बढ़ रही है। ये वेंटिलेटर मरीजों की जान बचाने और वायरस से लड़ने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहे है।
इस तरह से काम करता है वेंटिलेटर
कोरोना वायरस सबसे पहले फेफड़ों पर ही प्रहार करता है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में सबसे साधारण लक्षण हैं, सांस लेने में तकलीफ होना। 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों में हालत और भी नाजुक हो जाती है। क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए सबसे ज्यादा काम आता है मैकेनिकल वेंटिलेटर।
ऐसे होता है इलाज
वेंटिलेटर पर ले जाने से पहले मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है। दूसरे मामलों में यह आम प्रक्रिया जैसा होता है लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति में अधिक सावधानी बरती जाती है क्योंकि ऐसा न होने पर मेडिकल स्टाफ में इंफेक्शन फैलने का खतरा होता है। इस दौरान उनके शरीर में ऑक्सीजन देने के लिए नली लगाई जाती है। सांस नली को वेंटिलेटर से जोड़ा जाता है और समय-समय पर मेडिकल स्टाफ हवा का लेवल बढ़ाता ताकि ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंच सके। गंभीर मामले में 30 मिनट तक वेंटिलेटर पर रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है।