कोरोना के बीच शोध ने बढ़ाई चिंता, 6 महीने में ही 20-30% लोगों में इम्‍युनिटी खत्म

punjabkesari.in Sunday, Apr 11, 2021 - 10:40 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू, लॉकडाउन समेत कई पाबंदियां लगाई गई हैं लेकिन फिर भी कोरोना की रफ्तार पर काबू नहीं पाया गया है। भारत अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन गया है, जहां एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बीच एक और डराने वाली बात सामने आई है वो लोगों पर किया गया इम्‍युनिटी पर शोध। इसी बीच देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से चल रहा है। वैक्सीनेशन के बीच जो सबसे बड़ा सवाल है वो यह कि यह दवा कितने लंबे समय तक के लिए कोरोना के खिलाफ प्राकृतिक इम्‍युनिटी बनी रहती है।

 

इंस्‍टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्‍स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) ने एक अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ प्राकृतिक इम्‍युनिटी बनी रहती है लेकिन कुल संक्रमितों में से 20 से 30 फीसदी लोग 6 महीने के बाद ही इस प्राकृतिक इम्‍युनिटी को गंवा दिया। IGIB के डायरेक्‍टर डॉ. अनुराग अग्रवाल ने ट्वीट में कहा कि अध्‍ययन में पाया कि 20 से 30 फीसदी लोगों के शरीर में वायरस को बेअसर करने की प्रक्रिया खत्‍म होने लगी है।

 

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि 6 महीने का यह अध्‍ययन इस बात का पता लगाने में सहायक होगा कि आखिर क्‍यों मुंबई जैसे शहरों में अधिक सीरोपॉजिटिविटी होने के कारण भी संक्रमण से राहत क्‍यों नहीं मिल रही है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह शोध काफी महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इससे यह जाना जा सकता है कि आखिर देश में कोरोना की दूसरी लहर कब तक रहेगी।


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Content Writer

Seema Sharma

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