कोरोना संकटः ICMR ने लोगों को दी सलाह, न करें यह काम
punjabkesari.in Friday, Jul 03, 2020 - 05:45 PM (IST)
नई दिल्लीः देश में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 6 लाख के पार पहुंच चुकी है और लगातार संक्रमतों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। राहत की खबर यह है कि 3,80,473 लोग रिकवर हो चुके हैं। हालांकि अभी भी 2, 29,665 लोग संक्रमित हैं। ऐसे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने गाइडलाइन जारी की हैं।
ICMR की सलाह
- 2 साल के लिए विदेश यात्रा स्थगित करें
- 1 साल बाहर का खाना न खाएं शादी या अन्य समारोह में
- आपके बिना काम न चले तभी जाएं
- अनावश्यक यात्राएं न करें कम से कम 1 साल के लिए
- भीड़ वाली जगह पर न जाएं
- पूरी तरह से शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करें
- ऐसे व्यक्ति से दूर रहें जिसे खांसी है
- फेस मास्क को ऑन रखें
- शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता दें
- इम्युनिटी बढ़ाएँ
- नाई की दुकान पर या ब्यूटी पार्लर में जाने से बचें
- कोरोना का खतरा जल्द खत्म होने वाला नहीं है
- सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें
- अंगुठी, कलाई घड़ी न पहनें
- कोरोना वाइरस को छुपने की
- सुरक्षित जगह मिल सकती है
- बाहर जाना जरूरी हो तो रूमाल की जगह पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइज किया हुआ टिशू पेपर लेकर चलें
- बाहर से आने के बाद जूते बाहर रखें
- बाहर से घर आने पर अपने हाथ और पैर साफ करें
- जब आपको लगे कि आप एक संदिग्ध रोगी के निकट आ गए हैं तो पूरी तरह से स्नान करें
- इसे अपने परिवार के सभी सदस्यों और दोस्तों के बीच साथ साझा कर सकते हैं
वहीं, आज भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 का स्वदेशी टीका चिकित्सकीय उपयोग के लिए 15 अगस्त तक उपलब्ध कराने के मकसद से चुनिंदा चिकित्सकीय संस्थाओं और अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन' को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें। मौजूदा समय में क्लिनिकल परीक्षण के लिए 12 स्थलों की पहचान की गई है और आईसीएमआर ने चिकित्सकीय संस्थाओं एवं प्रमुख जांचकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विषय नामांकन सात जुलाई से पहले शुरू हो जाए। भारत के पहले स्वदेशी संभावित कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन' को डीसीजीआई से मानव पर परीक्षण की हाल में अनुमति मिली है।
‘कोवैक्सीन' को भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित किया है। आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने 12 स्थलों के प्रमुख जांचकर्ताओं को लिखे पत्र में कोवैक्सीन के देश में विकसित पहला टीका होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ‘‘शीर्ष प्राथमिकता वाली परियोजनाओं'' में शामिल है ‘‘जिसकी सरकार उच्चतम स्तर पर निगरानी कर रही है''।