LAC विवादः भारत और चीन के बीच जल्द होगी कोर कमांडर की बैठक, De-escalation पर हो सकती है चर्चा
punjabkesari.in Friday, Sep 18, 2020 - 07:46 PM (IST)
नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव को कम करने के ले अगले 2-3 दिनों में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो सकती है। इस बैठक में दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने पर वार्ता संभव है। नई दिल्ली में शुक्रवार को चीफ ऑफ स्टाफ बिपिन रावत और एनएसए अजीत डोभाल के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन अगले 2-3 दिनों में कोर कमांडर स्तर की वार्ता आयोजित करेंगे। बैठक में भारतीय पक्ष द्वारा उठाए जाने वाले एजेंडे और मुद्दों पर चर्चा की गई और एनएसए अजीत डोभाल और रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बैठक में भाग लिया। सूत्रों ने बताया कि दो कोर कमांडरों की बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की ओर से भारत द्वारा एक साथ होने वाली असंगति और डी-एस्केलेशन के लिए चर्चा करने की संभावना है।
India is likely to press for simultaneous disengagement and de-escalation by the Chinese side in the Eastern Ladakh sector during the meeting of two Corps Commanders: Top Government sources https://t.co/Rw3RGX0qhI
— ANI (@ANI) September 18, 2020
इससे पहले दोनों देशों के कोर कमांडर के बीच तनाव कम करने के लिए कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन वार्ताएं अब तक विपल साबित हुई हैं। दोनों देशों के बीच एलएसी पर तनाव बना हुआ है। हाल ही में मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक में पांच सूत्रीय एजेंडे पर सहमति बनी थी, जिसमें सीमा के प्रबंधन से जुड़े सभी मौजूदा समझौतों एवं नियमों का पालन करना, शांति बनाए रखना और स्थिति को बिगाड़ सकने वाली हर कार्रवाई से बचना शामिल है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव कायम है।
दोनों विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है, इसी लिए वे इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाओं को संवाद जारी रखना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और तनाव को कम करना चाहिए।" संयुक्त बयान के अनुसार, जयशंकर और वांग ने सहमति जताई कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए, जिसमें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना शामिल है।