पेट्रोल की तरह कहीं 80, 90 पूरे 100 करने की मंशा तो नहीं है साहेब की? मोदी रुपये के लिए हानिकारक हैं, कांग्रेस ने सरकार पर कसा तंज

punjabkesari.in Friday, Jul 15, 2022 - 05:07 PM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 80 तक पहुंच जाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रुपए के लिए हानिकारक हैं।’ उल्लेखनीय है कि वीरवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 80 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर के पास पहुंच गया।

 किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है - कौन और आगे जाएगा? 
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के कुछ अन्य नेताओं के अतीत के कुछ बयानों से जुड़ा वीडियो जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘लोगों को याद रहना चाहिए कि 2014 के पहले क्या कहा गया। कहा गया था कि भाइयों और बहनों, रुपया उसी देश का गिरता है, जहां की सरकार भ्रष्ट और गिरी हुई हो! यह भी कहा गया था कि कभी-कभी तो लगता है दिल्ली (केंद्र) सरकार और रुपये के बीच में कॉम्पटिशन चल रहा है - किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है - कौन और आगे जाएगा? 

भारत का रुपया अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 80 पार कर गया
सुप्रिया ने पूर्व विदेश मंत्री और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं दिवंगत सुषमा स्वराज के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘रुपया सिर्फ़ काग़ज़ का टुकड़ा नहीं होता, सिर्फ़ करेन्सी नहीं होती-इसके साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई होती है। जैसे जैसे रुपया गिरता है देश की प्रतिष्ठा गिरती है। उन्होंने दावा किया कि जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, मोदी जी की कृपा से उनके स्वघोषित अमृतकाल में वो दिन भी देश ने देख ही लिया। भारत का रुपया अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 80 पार कर गया। 

मज़बूत प्रधानमंत्री ने इतिहास में रुपये को सबसे कमजोर बना दिया
सुप्रिया ने कहा कि यह वही रुपया है, जिससे प्रधानमंत्री की आबरू और प्रतिष्ठा जुड़े होने का दावा खुद मोदी जी करते थे। पर आज तो डर यह है कि जिस तेज़ी से रुपया गिर रहा है - कहीं पेट्रोल की तरह, यहां भी शतक की तैयारी तो नहीं? कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार कि 2014 के पहले रुपये की मज़बूती के लिए मोदी ज़रूरी है का दावा करने वाले प्रधानमंत्री तो हमारे रुपए के लिए बड़े हानिकारक साबित हुए। इन तथाकथित मज़बूत प्रधानमंत्री ने इतिहास में रुपये को सबसे कमजोर बना दिया। सुप्रिया ने सवाल किया कि पिछले 6 महीने में रुपया 7 प्रतिशत से ज़्यादा गिरा है, कभी कोरोना कभी यूक्रेन रूस की जंग के पीछे कब तक छिपते रहेंगे प्रधानमंत्री जी? उन्होंने कहा कि 2014 में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 58 थी और पिछले आठ वर्षों में 80 तक पहुंच गई।

डर तो यह लगता है कहीं 80, 90 पूरे 100 करने की मंशा तो नहीं है साहेब की?
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनने के समय डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 45 थी और 10 साल बाद यह 58 तक पहुंची। यानी 10 वर्षों में 13 अंकों की गिरावट आई, लेकिन मोदी सरकार के आठ वर्षों में 22 अंकों की गिरावट आई है। उन्होंने दावा किया कि आज यह स्वीकारना पड़ेगा कि कमजोर रुपये का सबसे बड़ा कारण ध्वस्त अर्थव्यवस्था- बेलगाम महंगाई है। सरकार हर बार की तरह दिशाहीन ही नज़र आती है। डर तो यह लगता है कहीं 80, 90 पूरे 100 करने की मंशा तो नहीं है साहेब की? मोदी रुपये के लिए हानिकारक हैं। सुप्रिया ने यह आरोप भी लगाया कि निवेशकों का इस सरकार में भरोसा नहीं रहा।


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Content Writer

Anu Malhotra

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