हाथों में धान की फसल लेकर कांग्रेस सांसदों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया

punjabkesari.in Wednesday, Sep 23, 2020 - 08:09 PM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी के कुछ अन्य सांसदों ने बुधवार को संसद भवन के बाहर हाथों में धान की फसल लेकर हाल ही में पारित कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने इन विधेयकों को लेकर संसद भवन परिसर में भी प्रदर्शन किया। अधीर रंजन चौधरी, दीपक बैज, गुरजीत सिंह औजला और कुछ अन्य सदस्यों ने संसद भवन के बाहर विजय चौक पर हाथों में धान की फसल लेकर कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

विपक्षी दलों के कई राज्यसभा सदस्यों ने दोपहर के समय संसद परिसर में मौन प्रदर्शन किया तो शाम के समय विपक्ष के कई लोकसभा सदस्यों ने प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसद अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे जिन पर ‘किसानों को बचाओ, मजदूरों को बचाओ, लोकतंत्र को बचाओ' जैसे नारे लिखे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिभा से भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च निकाला। वे कुछ देर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कतारबद्ध होकर खड़े हुए। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ कांग्रेस और समान विचार वाले दलों के सभी सांसदों ने किसान विरोधी और मजदूर विरोधी विधेयकों के खिलाफ गांधी प्रतिमा से अंबेडकर प्रतिमा तक विरोध प्रदर्शन किया जिन्हें मोदी सरकार ने अलोकतांत्रिक ढंग से संसद में पारित कराया।'' लोकसभा की कार्यवाही शाम छह बजे आरंभ होने से पहले कांग्रेस, द्रमुक और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया और कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग करते हुए सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की।

इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और शशि थरूर, द्रमुक के टीआर बालू एवं कनिमोई और कई अन्य दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया। विभिन्न विपक्षी दल कृषि संबंधी विधेयकों के संसद में पारित किये जाने का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने संसद की कार्यवाही का भी बहिष्कार किया है। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे इन विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध किया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News