कांग्रेस ने सरकार से तालिबान पर रणनीति पूछी, आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदमों का समर्थन

punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 06:53 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने सरकार से, अफगानिस्तान को लेकर बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में तालिबान को लेकर उसकी रणनीति के बारे में सवाल किया और कहा कि तालिबान के काबुल में कब्जा करने के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाने और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तैयारियां बढ़ाने की जरूरत है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में शामिल राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से तालिबान, राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनयिक संबंधों तथा संबंधित मुद्दों पर सवाल किये। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राष्ट्रहित में हर जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए और इस पर विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है।

उल्लेखनीय है कि हाल में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को उस देश के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी । जयशंकर ने कहा कि सरकार वहां से भारतीयों को वापस लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है जहां स्थिति ‘गंभीर’ है।

तालिबान को लेकर भारत के रूख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति ठीक नहीं हुई है, इसे ठीक होने दीजिए । उन्होंने कहा, ‘‘ आपको संयम रखना होगा । वहां स्थिति ठीक होने दें । ’’

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेताओं ने बैठक में सरकार से सवाल किया, ‘‘अगर 31 अगस्त, 2021 के बाद भी अफगानिस्तान में भारतीय नागरिक फंसे रहते हैं तो उस स्थिति में लोगों को बाहर निकालने के लिए सरकार की रणनीति क्या है? अफगानिस्तान में अब कितने भारतीय नागरिक हैं जिन्हें बाहर निकाला जाना है?’’

पार्टी नेताओं ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों को भरोसा दिलाए, मजबूती से एकजुटता प्रकट की जाए और मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए। भारत सरकार की ओर से मानवीय सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?’’

कांग्रेस नेताओं ने जोर देकर कहा, ‘‘आतंकवाद बढ़ने की आंशका है जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा प्रभावित हो सकती है क्योंकि तालिबान और उससे जुड़े आतंकी संपर्कों से चुनौतियां पैदा हुई हैं। हमें जितना संभव हो सके, उतने मजबूत आतंकवाद-रोधी कदम उठाने चाहिए और जम्मू-कश्मीर में अपनी रक्षा तैयारी को मजबूत करना चाहिए।’’ उन्होंने सवाल किया कि भारत सरकार की इस पर क्या राय है और अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं की ओर से बैठक में कहा गया, ‘‘ऐसी धारणा है कि भारत क्षेत्र में हमारे पारंपरिक साझेदारों से अलग-थलग पड़ गया दिखाई देता है। प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर से हाल ही में बात की। हम यह जानना चाहते हैं कि इन चर्चाओं से क्या निष्कर्ष निकला? आगे क्या कूटनीतिक या दूसरे रणनीतिक कदमों की योजना बनाई जा रही है ताकि तात्कालिक और दीर्घकालिक रूप से हमारी स्थिति को मजबूत किया जा सके।’’

उन्होंने अफगानिस्तान की एक महिला सांसद को नयी दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेजे जाने का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा, ‘‘अफगान संसद की सदस्य रंगीना कारगर को 20 अगस्त, 2021 को नयी दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया। विदेश मंत्रालय ने इतनी वरिष्ठ नेता के खिलाफ यह कदम क्यों उठाया जबकि वह भारत अक्सर आती रही हैं और उनके पास राजनयिक पासपोर्ट है ।’’बैठक के बाद खड़गे ने कहा कि सरकार ने माना कि इस संबंध में गलती हुई है।

कांग्रेस नेताओं ने बैठक में सवाल किया, ‘‘हाल ही में खबर आई थी कि अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए कतर में तालिबान के साथ गोपनीय बातचीत की गई। क्या ऐसी बातचीत हुई और अगर हुई तो इसका नतीजा क्या निकला? तालिबान के संदर्भ में नरेंद्र मोदी सरकार की आगे की रणनीति क्या होगी और वह तालिबान के साथ संपर्क रखेगी या नहीं?’’

विपक्षी पार्टी ने यह सवाल भी किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को जानकारी क्यों नहीं दी और यह जिम्मा विदेश मंत्री पर क्यों छोड़ दिया? क्या यह सही नहीं है कि 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिका के हमले के बाद 15 सितंबर और 30 सितंबर, 2001 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सर्वदलीय बैठक को स्थिति की जानकारी दी थी?’’

 


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Content Writer

Yaspal

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