ऑफ द रिकॉर्डः कंपनियां राज्य सरकारों व बाजार में ‘कोरोना टीका बेचने की इच्छुक’

punjabkesari.in Friday, Jan 29, 2021 - 05:28 AM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना टीका बनाने वाली कंपनियां सीधे राज्य सरकारों, कंपनियों व खुले बाजार में अपना टीका बेचने के लिए आज्ञा का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। हो सकता है केंद्र सरकार इन कंपनियों की यह मांग स्वीकार कर ले। यहां तक कि सरकार पुणे स्थित सीरम इंस्टीच्यूट व हैदराबाद स्थित भारत बायोटैक को विदेश में निर्यात करने की भी अनुमति दे सकती है। परंतु यह सब तब होगा जब टीके की देश की घरेलू जरूरत पूरी हो जाएगी। 

मोदी सरकार घरेलू आवश्यकता व पड़ोसी देशों के साथ-साथ अफ्रीकी देशों को संकट की घड़ी में टीकों की भेंट देने के लिए उनकी जरूरत का अभी भी आकलन कर रही है। मोदी जिस ढंग से कोविड संकट से निपटे हैं, उससे दुनियाभर में उनकी वाहवाही हो रही है और अब वह टीकों की सप्लाई को लेकर भी अपने नाम का झंडा गाडऩा चाहते हैं।

जहां तक घरेलू परिदृश्य की बात है तो राज्य सरकारों, संस्थानों व निजी कंपनियों ने सरकार को लिखा है कि उन्हें कंपनियों से सीधे सप्लाई लेने की अनुमति दी जाए। कई राज्य सरकारें कह रही हैं कि अगर उन्हें टीका उपलब्ध होता है तो वे मुफ्त में टीकाकरण करेंगी। सरकार में मौजूद सूत्रों का कहना है कि मार्च के अंत और अप्रैल के मध्य तक पहले चरण में 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाने के लिए सरकार को 70-80 करोड़ खुराक की जरूरत होगी। 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लगाने का दूसरा चरण उसके बाद आरंभ होगा।

केंद्र ने अब तक कोविशील्ड व कोवैक्सीन की 16.60 मिलियन खुराक खरीदी हैं। इनमें से 11 मिलियन खुराक सीरम इंस्टीच्यूट से तथा 5.6 मिलियन भारत बायोटैक से ली गई हैं। सीरम ने 50 मिलियन खुराक तथा भारत बायोटैक ने 20 मिलियन खुराक का भंडारण किया हुआ है। सीरम हर महीने 60 मिलियन जबकि भारत बायोटैक 15 मिलियन खुराक बना सकता है। सीरम गवी-कोवैक्स कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए भी 400 मिलियन खुराक बनाएगी। 

केंद्र सरकार फाइजर, मॉडर्ना, जायडस-कैडिला, स्पूतनिक-वी व अन्य टीकों की उपलब्धता, साध्यता व समय-सीमा पर प्रधानमंत्री के टीका प्रबंधन टास्क फोर्स की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। देश में कोविड के मामले लगातार कम हो रहे हैं, ऐसे में कंपनियों के लिए खुले बाजार में टीका बेचने का रास्ता खुल सकता है।    


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Pardeep

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