नागरिकता संशोधन बिल ''कैब'' पर भड़का अमेरिकी आयोग, बोला- अमित शाह पर लगे बैन

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 11:49 AM (IST)

वाशिंगटनः अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल 'कैब" ‘‘गलत दिशा में बढ़ाया गया खतरनाक कदम'' है । इस बिल कa लेकर भड़के अमेरिकी आयोग का कहना है कि यदि यह भारत की संसद में पारित होता है तो भारत के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। संघीय अमेरिकी आयोग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है।

 

गलत दिशा में बढ़ाया गया खतरनाक कदम
आयोग ने कहा,  'कैब" ‘‘गलत दिशा में बढ़ाया गया खतरनाक कदम'' है। ‘‘ अगर कैब दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए।'' उसने कहा, ‘‘ अमित शाह द्वारा पेश किए गए धार्मिक मानदंड वाले इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने से USCIRF बेहद चिंतित है ।'' नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े, जिसके बाद इसे लोकसभा से मंजूरी दे दी गई। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।  USCIRF ने आरोप लगाया कि कैब आप्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है हालांकि इसमें मुस्लिम समुदाय का जिक्र नहीं है। इस तरह यह विधेयक नागरिकता के लिए धर्म के आधार पर कानूनी मानदंड निर्धारित करता है।

PunjabKesari

 भारतीय संविधान का विरोधाभासी
उसने कहा यह भारत के धर्मनिरपेक्ष बहुलवाद के समृद्ध इतिहास और भारतीय संविधान का विरोधाभासी है जो धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है।'' आयोग ने असम में चल रही राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) की प्रक्रिया और गृह मंत्री शाह द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी NRC के बारे में कहा, ‘‘  USCIRF को यह डर है कि भारत सरकार भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक परीक्षण के हालात पैदा कर रही है जिससे लाखों मुस्लिमों की नागरिकता पर संकट पैदा हो सकता है।'' उसने यह भी कहा कि भारत सरकार करीब एक दशक से अधिक समय से USCIRF के वक्तव्यों और वार्षिक रिपोर्टों को नजरअंदाज कर रही है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) शासन के दिनों से ही भारत लगातार कहता आ रहा है कि वह अपने आतंरिक मामलों में किसी तीसरे देश के विचारों या रिपोर्ट को मान्यता नहीं देता है।

PunjabKesari

अमित शाह ने बिल को बताया ऐतिहासिक  
बता दें कि लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल (कैब) को मंजूरी दे दी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को ऐतिहासिक करार देते हुए सोमवार को कहा था कि यह भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है तथा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के 130 करोड़ लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाकर इसकी मंजूरी दी है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने हालांकि इसका विरोध किया।

PunjabKesari

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News