तीर को मरोड़ने के लिए ‘कमल’ के बागियों को ला रहे चिराग, क्या BJP चल रही नीतीश के साथ चाल?

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 10:55 AM (IST)

पटना: बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान नीतीश कुमार के ‘तीर को मरोडऩे’ में लगे हैं। इसके लिए वह ‘कमल’ के बागियों को अपने पाले में कर रहे हैं। अपने घर को उजड़ते देखकर भी भाजपा खामोश है। नीतीश कु मार के साथ बैठ कर भाजपा नेताओं ने चिराग को लेकर टो टूक बात तो जरूर की है लेकिन ये किसी ने नहीं बताया कि वह एन.डी.ए. में हैं या नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर डंके की चोट पर चिराग किसकीशह पर नीतीश से भिड़ रहे हैं और उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा यह भी है कि क्या भाजपा ने नीतीश कु मार के खिलाफ कोई चाल चली है। इस खेल में क्यों भाजपा ने चिराग को मोहरा बनाया है। चिराग ने 24 घंटे के अंदर भाजपा के 3 बड़े विकेट गिराए हैं। तीनों भाजपा के कद्दावर और पुराने नेता रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि भाजपा खुल कर चिराग पर बोल क्यों नहीं रही है। दिनारा से 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रहे राजेंद्र सिंह लोजपा में शामिल हो गए हैं। राजेंद्र सिंह संघ के प्रचारक रहे हैं। 2015 के चुनाव में तो यहां तक चर्चा थी कि अगर वह जीतते हैं तो भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगी। 

इनका जाना खटक रहा है सभी को
राजेंद्र सिंह पुराने संघी रहे हैं। एक झटके में उन्होंने टिकट की चाहत में पार्टी छोड़ दी है। सियासी गलियारों में यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों को इसमें कु छ खेल नजर आता है। उन्हें लगता है कि भाजपा कहीं नीतीश कु मार के साथ कोई चाल तो नहीं चल रही है क्योंकि दिनारा में संघ की अच्छी पकड़ है। अगर राजेंद्र सिंह मैदान में लोजपा की तरफ से रहेंगे, तो जदयू उम्मीदवार जयकु मार सिंह का ही वोट काटेंगे। 

इस खेल को समझिए
एन.डी.ए. में सीट बंटवारे के बाद भाजपा के खाते में 121 सीटें आई हैं और जेडीयू 122 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बिहार विधानसभा में सदस्यों की कु ल संख्या 243 है। किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत पड़ती है। एल.जे.पी. उन सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है, जिन पर भाजपा की स्थिति मजबूत है। अगर चुनाव नतीजे आते हैं और नीतीश कुमार से भाजपा की ज्यादा सीटें आती हैं, तो यहां खेल की संभावना है। 

नेताओं ने दिए गोल-मोल जवाब
मंगलवार को महागठबंधन की पै्रस कांफ्रैंस में भाजपा नेताओं से यह सवाल किया गया था कि अगर नीतीश कु मार को कम सीटें मिलती हैं, तो उन्हें आप लोग नेता मानेंगे। इस पर भाजपा नेताओं ने कहा था कि उससे कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि सारी चीजें पहले से ही स्पष्ट हैं। नीतीश कुमार के साथ हमारा पुराना गठबंधन है।

भाजपा ने अपने कोटे से वी.आई.पी. को दीं 11 सीटेंं
भाजपा ने मुकेश सहनी नीत विकासशील इंसान पार्टी (वी.आई.पी.) को बिहार विधानसभा चुनाव में अपने कोटे की 121 सीटों में से 11 सीटें देने की बुधवार को घोषणा की। साथ ही वी.आई.पी. बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा भी बन गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, चुनाव प्रभारी एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कु मार मोदी तथा वी.आई.पी. पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी की उपस्थिति में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी गई।

गुप्तेश्वर पांडेय नहीं लड़ेंगे चुनाव, लिखी फेसबुक पोस्ट
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले लगातार यह कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर विधानसभा से जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोंकेंगे लेकिन यह सारे कयास धरे के धरे रह गए जब बीजेपी ने बक्सर सीट से परशुराम चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बना दिया। यह सीट जेडीयू ने बीजेपी को दे दी। जेडीयू की टिकट सूची में भी पांडेय का नाम नहीं है। अब गुप्तेश्वर पांडेय फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने आगे के राजनीतिक भविष्य की जानकारी साझा की है। गुप्तेश्वर पांडेय ने पोस्ट कर कहा मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। आगे उन्होंने लिखा कि अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। पूर्व डीजीपी ने लिखा कि मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। 


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Anil dev

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