WHO में खिंचाई के बाद चीन ने दुनिया को कोरोना से बचाने के लिए किए 2 बड़े ऐलान

punjabkesari.in Wednesday, May 20, 2020 - 10:50 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तीखे तेवर के बाद महामारी फैलाने के आरोपों के बीच चीन की भूमिका को लेकर 73वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक ड्राफ्ट प्रस्ताव पेश किया गया। इस मुद्दे पर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) की भूमिका की भी अब जांच होगी। WHO के सदस्य देश इस वैश्विक संकट के प्रति संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी की जवाबी कार्रवाई की स्वतंत्र जांच पर मंगलवार को सहमत हो गए।

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इस प्रस्ताव को पेश करने वालों में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, कनाडा, न्यूज़ीलैंड, सऊदी अरब, अफ्रीकी समूह और उसके सदस्य देश, यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देश समेत 100 से ज़्यादा देशों के नाम हैं। WHO की वार्षिक सभा में हिस्सा ले रहे देशों ने इस संकट के प्रति संयुक्त जवाबी कार्रवाई की अपील करते हुए आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया। इस बीच सम्मेलन में चीन का बचाव करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन ने इस पूरे मामले में पार्दर्शिता और ज़िम्मेदारी के साथ काम किया है। शी जिनपिंग ने अपनी सफाई में कहा कि "हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन और संबंधित देशों को समय पर सारी जानकारी दी थी।" इस दौरान दुनिया को कोरोना वायरस से राहत देने को चीन ने 2 बड़े फैसलों का ऐलान किया है।

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शी ने कहा कि कोरोना पर क़ाबू पा लेने के बाद चीन किसी भी जाँच का समर्थन करता है जिसका भारत ने भी समर्थन किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग ने सोमवार को कहा कि चीन की ओर से तैयार की जाने वाली कोरोना वैक्सीन पूरी दुनिया के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में चीन 2 बिलियन डॉलर (करीब 15139 करोड़ रुपए) की आर्थिक सहायता देगा। खासकर विकासशील देशों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ये पैसे अगले दो साल के दौरान दिए जाएंगे। चीन ने दावा किया कि वह कोरोना संकट को लेकर हमेशा पारदर्शी रहा है। शी जिनपिंग ने कहा कि जैसे ही कोई वैक्सीन चीन तैयार करता है, यह पूरी दुनिया के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

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वीडियो के जरिए WHO सम्मेलन में शामिल हुए शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि चीन इस बात का समर्थन करता है कि कोरोना संकट खत्म होने के बाद कोरोना के खिलाफ ग्लोबल रेस्पॉन्स का मूल्यांकन किया जाए। यूरोपियन यूनियन के 27 सदस्य सहित दुनिया के कई देशों ने कोरोना को लेकर WHO के शुरुआती रेस्पॉन्स की स्वतंत्र जांच करने की मांग की है। बता दें कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के कई देश चीन पर कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाने के आरोप लगाते रहे हैं। इसके साथ-साथ चीन की एक लैब से कोरोना के लीक होने को लेकर भी आरोप सामने आते रहे हैं। इसकी वजह से अमेरिका और चीन के बीच हाल के हफ्तों में तनाव बढ़ गया है।
 


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Tanuja

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