बंदरगाहों पर रोके जा रहे चीनी माल! निर्यातकों में चीन से बदले की कार्रवाई का डर

punjabkesari.in Thursday, Jun 25, 2020 - 08:16 PM (IST)

नई दिल्लीः कुछ निर्यातकों ने हांगकांग और चीन के सीमाशुल्क विभागों द्वारा सामान की खेप रोके जाने पर चिंता जतायी है। निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने बृहस्पतिवार को कहा कि चेन्नई बंदरगाह पर भारतीय अधिकारियों ने इसी तरह की कार्रवाई की है। इसकी प्रतिक्रिया में हांगकांग और चीन के सीमा शुल्क विभागों ने यह कदम उठाया है। देश के लद्दाख क्षेत्र में गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच यह मामला काफी संवेदनशील है।

फियो के अध्यक्ष एस. के. सर्राफ ने इस संबंध में वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान को पत्र लिखा है। पत्र के अनुसार सर्राफ ने कहा, ‘‘हमें जानकारी दी गयी है कि सीमाशुल्क विभाग चीन से आयातित सभी सामानों की खेप की अधिकारियों से एक-एक करके जांच करा रहा है। इससे खेप को मंजूरी मिलने में देरी हो रही है और आयात की लागत बढ़ रही है।'' उन्होंने कहा कि कुछ निर्यातकों ने सूचित किया है कि इसके जवाब में हांगकांग और चीन के सीमाशुल्क विभागों ने भी भारत से निर्यात किए गए सामान की खेप को रोक लिया है।

सर्राफ ने वाणिज्य मंत्रालय से इस मामले को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के समक्ष उठाकर यह पता लगाने का अनुरोध किया है कि क्या भारतीय अधिकारियों को चीन के सामान की जांच करने के बारे में ऐसा कोई निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा आदेश नहीं दिया गया है तो सीबीआईसी इसका खंडन कर सकता है, ताकि यह संदेश चीन और हांगकांग में हमारे आयातकों तक पहुंचाया जा सके जिससे वे अपने सीमाशुल्क विभाग से इस पर स्पष्टीकरण मांग सके।

इस मामले पर बाद में संवाददाताओं से बातचीत में सर्राफ ने कहा, ‘‘चेन्नई और मुंबई बंदरगाह पर भारतीय सीमाशुल्क अधिकारियों के चीन से आए सभी कंटेनरों के खोल कर जांच करने की बात सामने आयी है। जबकि इस संबंध में सीबीआईसी की ओर से कोई लिखित दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है।'' उन्होंने कहा कि फियो ने सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। उम्मीद है कि मामले का जल्दी निपटान हो जाएगा। सर्राफ ने कहा कि फियो चीन से सामान के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का समर्थन नहीं करता है, क्योंकि इसका असर घरेलू उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों पर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि फियो ने सरकार को चीन के प्रति युक्तिसंगत और सूजबूझ वाला रुख अपनाने का सुझाव दिया है। भारत उन वस्तुओं के विनिर्माण पर विचार कर सकता है जो चीन से आयात की जाती हैं। चीन पर आयात निर्भरता कम करने के लिए हमें अपने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित करने वाले वातावरण निर्माण की जरूरत है जैसे मोबाइल फोन को बनाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि भारत चीन पर प्रतिबंध लगाता है तो संभावना है कि चीन इस पर प्रतिक्रियावादी कदम उठाएगा। भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी करीब 14 प्रतिशत है और यह मोबाइल, दूरसंचार, बिजली, प्लास्टिक खिलौने और दवा सामग्रियों के लिए प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News