चीन की नई साजिशः श्रीलंका के तमिल बहुल इलाके में पकड़ बना रहा ड्रेगन, बढ़ेगी भारत की टेंशन?

punjabkesari.in Thursday, Dec 30, 2021 - 02:36 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  एशिया के कई देशों को अपने चंगुल में फंसा चुका ड्रैगन का अगला शिकार श्रीलंका को माना जा रहा है। यही वजह है कि चीन लगातार श्रीलंका में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार पिछले दिनों चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग का श्रीलंका दौरा भी ड्रैगन की इसी साजिश का एक हिस्सा है। चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग ने 15-17 दिसंबर तक पहली बार श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी क्षेत्र का दौरा किया ।  ऐसे में इसे चीन के स्ट्रेटजिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है और चीनी राजदूत के इस दौरे पर एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है।

 

एक्सपर्ट्स के अनुसार चीन की इस स्ट्रेटजी से भार की टेंशन बढ़ सकती हाचीनी दूतावास ने राजदूत के इस यात्रा को लेकर कहा है कि यह यात्रा बहुत दिनों से तय था लेकिन कोरोना वायरस महामारी और अन्य कारणों के कारण इसमें देरी रही। राजदूत क्यूई इस दौरे पर ऐतिहासिक जाफना पब्लिक लाइब्रेरी पहुंचे और कोरोना से लड़ने के लिए स्थानीय समुदायों के बीच फूड पार्सल दान किए। जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीनी राजदूत का यह दौरा श्रीलंकाई तमिलों को अपने पक्ष में करने की शुरुआत कही जा सकती है। चीन एक ही वक्त में बहुसंख्यक सिंहली और अल्पसंख्यक तमिलों को एक साथ संतुष्ट करने की कोशिश में जुटा हुआ है।

 

चीन के इस कदम का मकसद तमिल मछुआरों को लक्षित करना है। कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना ​​है कि बीजिंग श्रीलंका को हिंद महासागर में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के लिए एक जियोस्ट्रेटजिक हब के रूप में देखता है। पूर्व क्षेत्रीय कमांडर कोस्ट गार्ड रीजन ईस्ट और मौजूदा वक्त में चेन्नई सेंटर फॉर चाइना स्टडीज के आर एस वासन ने कहा कि चीन अपने फायदे के लिए कोई भी कार्ड खेलेगा। यह साफ है कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़त चाहता है। यही कारण है कि वह श्रीलंका में अपने हरेक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहता है।

 

वासन ने कहा है कि हमें हिंद महासागर क्षेत्र में खेले जा रहे इस युद्ध से सावधान रहना होगा। भारत को श्रीलंका के साथ इसका समाधान करना चाहिए। श्रीलंकाई अखबारों ने लिखा है कि राजपक्षे शासनकाल में साफ तौर पर चीनी प्रभाव का स्पष्ट विस्तार हुआ है। श्रीलंका में जियोपॉलिटिक्स और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार असंगा अबेगोनसेकारा ने कहा है कि चीन को भारत की सुरक्षा संवेदनशीलता को समझना चाहिए, खासकर भारत की दक्षिणी इलाके में।

 


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Content Writer

Tanuja

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