ऑफ द रिकॉर्डः केंद्र सरकार के सवालों से चीनी ऐप कंपनियों के छूट रहे पसीने

punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2020 - 03:02 AM (IST)

नई दिल्लीः प्राथमिक प्रतिबंध के बाद 59 चीनी ऐप्स का संचालन करने वाली कंपनियों के लिए सरकार के सवालों के जवाब देना भारी पड़ रहा है। सरकार ने उन पर ऐसे सवालों की झड़ी लगा दी है जिससे उनके लिए भारतीय यूजर्स के डाटा के अनधिकृत इस्तेमाल की जानकारी छिपा पाना संभव नहीं होगा। ऐसे में इन कंपनियों की पैरवी के लिए चीनी दूतावास और चीन सरकार को आगे आना पड़ रहा है। 

भारत सरकार ने इन कंपनियों से उनके ऐप के डिजाइन में सुरक्षा इंतजाम, उनके कामकाज से लेकर कारोबार और आमदनी के सभी स्रोत, टैक्स रिटर्न तथा दूसरे देशों की सरकारों के लिए काम करने से लेकर यूजर्स को प्रभावित करने के तौर-तरीकों तक की जानकारी मांगी है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार इन सवालों के जरिए ऐप्स को इस्तेमाल करने वाले करोड़ों भारतीयों के डाटा के अनधिकृत इस्तेमाल का पता लगाना चाहती है। इसके साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि ऐप किसी विदेशी सरकार के इशारे पर कंटैंट या अपने यूजर्स को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? इसके लिए पुलवामा आतंकी हमले में 40 सी.आर.पी.एफ. जवानों की शहादत के बाद ऐप द्वारा किसी खास किस्म के कंटैंट को सैंसर करने के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। 

पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल सिर्फ ऐप्स पर ही प्रतिबंध लगाया है लेकिन यदि खामियां सामने आती हैं तो इसे स्थायी कर इन कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इसका पता लगाने के लिए सवालों को इस तरह तैयार किया गया है कि कंपनियां न तो जानकारी छिपा सकेंगी और न ही गलत जानकारी देकर बच सकेंगी। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने जो भी कार्रवाई की है, वह पूरी तरह सुरक्षा कारणों के आधार पर की गई है। चीन सरकार द्वारा ऐप्स से प्रतिबंध हटाने की मांग और इसे अंतर्राष्ट्रीय कारोबारी समझौतों का उल्लंघन करार देने के बारे में अधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस प्रतिबंध का उद्देश्य चीन या किसी देश विशेष को हानि पहुंचाना नहीं है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए टिकटॉक सहित सभी ऐप्स को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया है। 

मोदी सरकार इस कार्रवाई के जरिए न केवल चीन बल्कि दुनियाभर में यह संदेश देना चाहती है कि नागरिकों के डाटा से खिलवाड़ करने की हिम्मत न की जाए। इस मामले में भारत सरकार के सख्त रवैये की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर  अमरीका, ऑस्ट्रेलिया तथा कई अन्य देश भी सराहना कर रहे हैं और भारत के बाद अब वहां भी टिकटॉक सहित ऐसी ऐप्स पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।


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Pardeep

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