चीन की भारत को कमजोर करने की साजिश, दक्षिण एशिया में तैनात किए खास राजदूत

punjabkesari.in Monday, Sep 14, 2020 - 05:28 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर महीनों से गतिरोध जारी है। चीनी सेना लगातार उकसावे हरकत कर रही है, जिसका भारतीय जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे। पूरी दुनिया को मालूम है कि चीनी सेना भारतीय जवानों को उकसाने का काम कर रही है, लेकिन चीन है जो 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली हरकत कर रहा है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में उल्टा भारत पर ही सीमा पर उकसाने का आरोप लगाया है।

 

इसके साथ ही, चीन को भारत और अमेरिका की गाढ़ी दोस्ती भी रास नहीं आ रही है। भारत को कमजोर करने के लिए चीन ने अब नया दांव आजमाया है। चीन ने संयुक्त मोर्चा निर्माण विभाग (UFWD) के करीबी एक चीनी राजनेता नोंग रोंग को पाकिस्तान में राजदूत के रूप में भेजकर, बीजिंग बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के समर्थन में दक्षिण एशिया को प्रभावित करने का प्रयास किया है। राजदूत नोंग ने इसी सप्ताह इस्लामाबाद में कैरियर राजनयिक याओ जिंग की जगह संभाली है। दक्षिण एशिया में तैनात चीनी राजदूतों पर गौर करें तो पता चलता है कि बांग्लादेश में बीजिंग की ओर से तैनात ली जिमिंग और श्रीलंका में पूर्व चीनी राजदूत Cheng Xueyuan के UFWD के साथ संबंध थे।

 

यह वह संगठन है जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई वर्षों तक कार्य किया है। यहां तक ​​कि नेपाल में चीनी राजदूत होउ योंकी एक एशियाई मामलों की विशेषज्ञ हैं। वे पीएलए खुफिया पृष्ठभूमि के साथ 2012-2013 में विदेश सुरक्षा मामलों के विभाग के निदेशक थीं। वहीं उर्दू में महारथ हासिल एंबेसडर होउ को बीजिंग द्वारा नेपाल में कम्युनिस्ट आंदोलन को एक साथ रखने और प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी अध्यक्ष पुष्पा कमल दहल या प्रचंड के बीच विभाजन करने का काम सौंपा गया है। स्पष्ट रूप से दक्षिण एशिया में चीन के राजदूतों का कार्य BRI को आगे बढ़ाना और भारतीय सभ्यता के प्रभाव को आक्रामक रूप से कम करना है।


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Tanuja

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