ऑफ द रिकॉर्डः भारत को दर्द देने वाला चीन भेज रहा सबसे अधिक ‘दवा’

punjabkesari.in Tuesday, Mar 23, 2021 - 01:26 AM (IST)

नई दिल्लीः लद्दाख प्रकरण के बाद चीन से लड़ाई, पाबंदी और मेलजोल में कमी के बावजूद भी वह भारत का अभी भी सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है। पिछले वर्ष 2020 में चीन ने भारत को बड़े पैमाने पर दवाइयों का निर्यात किया। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच 77.7 बिलियन डॉलर का दोतरफा कारोबार हुआ।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दवाइयों के लिए जो कच्चा माल चीन से आयात किया जाता है, 2020 में उसमें कोई कमी नहीं आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार चीन ने भारत को 2020 में दवाइयों का 72.15 प्रतिशत कच्चा माल भेजा जबकि इससे पूर्व 2018 में यह 66.53 प्रतिशत था तथा 2019 में 72.40 प्रतिशत। 

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कच्चे माल के लिए भारत की विदेश पर निर्भरता कम करने के लिए महत्वपूर्ण स्टारिंग मैटीरियल, ड्रग इंटरमीडियरी व एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (ए.पी.आई.) के देश में निर्माण करने को प्रोत्साहन देने के लिए 3 स्कीमें आरंभ की गई हैं। इस बारे में राज्यसभा में जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए, उनसे साफ है कि स्थिति में बहुत अधिक बदलाव नहीं आया है। चीन की बराबरी करने के लिए दिल्ली बहुत दूर है। 

चीन पर कोरोना का निर्यात करने का आरोप लगने के बाद भारत द्वारा उस पर कई प्रतिबंध लगा दिए गए थे परंतु पिछले दिनों संसद में विभिन्न मंत्रालयों की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार भारत ने अमरीका और संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) से जितना आयात किया, चीन से किया गया आयात इन दोनों देशों से दोगुना है। 

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार चीन की 92 कंपनियों ने अनुमति लेकर भारत में अपना कारोबार आधार स्थापित किया हुआ है। इनमें से 80 कंपनियां अभी भी ‘सक्रिय’ हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार चीनी कंपनियों ने भारत में 2474 प्रत्यक्ष विदेेशी निवेश (एफ.डी.आई.) किए हैं। 


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Pardeep

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