कोरोना मुद्दे पर भारत को मोहरा बना रहा चीन, जानबूझ कर बढ़ा रहा सीमा विवाद

punjabkesari.in Tuesday, May 26, 2020 - 03:26 PM (IST)

 इंटरनेशनल डेस्कः लद्दाख सीमा को लेकर भारत-चीन के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। भारत की चेतावनी को नजरअंदाज कर चीन पूर्वी लद्दाख में लगातार अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। खासकर गलवान घाटी को लेकर चीन भारत को आंखें दिखा रहा है और उसने हाल के दिनों में यहां अपनी ताकत बढ़ाते  इस पूरे इलाके को अपना बताया है। इसके साथ ही उसने 1962 के युद्ध की याद दिलाते हुए भारत को इससे दूर रहने की नसीहत भी दे डाली है।  


अपने गुनाहों पर पर्दा डालना चाह रहा चीन
 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल चीन कोरोना वायरस  को लेकर अपनी गलती को छुपाने के लिए अब भारत को मोहरा बना रहा है। कोरोना संक्रमण से दुनिया को मुसीबत में डालकर चीन अब अपने इस गुनाह पर पर्दा डालने के लिए भारत के साथ जानबूझ कर सीमा विवाद बढ़ा रहा है ताकि उसका विरोध करने वाले देशों का ध्यान इस मुद्दे से भटकाया जा सके । चीन ने भारत से लगती लद्दाख सीमा पर जानबूझ कर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं और वहां लगातार अपनी ताकत बढ़ रहा है। उसकी सेना ने गलवान घाटी में कई टेंट लगाए हैं और पैगोंग झील में अपनी गश्त बढ़ा दी है लेकिन सीमा पर तनाव के लिए वह उल्टे भारत को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है।

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भारत पर मढ़ रहा बेतुके आरोप
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर आरोप लगाते हुए  कहा है कि गलवान घाटी चीन का इलाका है और भारत जानबूझकर वहां विवाद पैदा कर रहा है। उसका आरोप है कि भारत गलवान घाटी में चीन के इलाके में अवैध तरीके से डिफेंस फैसिलिटीज का निर्माण कर रहा है। इस कारण चीन की सेना के पास इसका जवाब देने के अलावा कोई चारा नहीं है। इससे दोनों पक्षों के बीच सीमा पर विवाद बढ़ने की आशंका है।

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भारत को दी ये सलाह 
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक  भारत को लगता है कि चीन की अर्थव्यवस्था  सुस्त पड़ने और कोरोना के कारण कुछ पश्चिमी देशों के चीन को घेरने से भारत के पास सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका है। अखबार के अनुसार अमेरिका के दम पर भारत उछल रहा है लेकिन यह उसकी गलतफहमी है। इससे भारत का ही नुकसान होगा क्योंकि अमेरिका के लिए उसके हित सबसे ऊपर हैं। अखबार का कहना है कि अमेरिका के साथ चीन के रिश्ते भले ही अभी ठीक नहीं चल रहे हैं लेकिन उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति 1962 से बहुत बेहतर है जब भारत को चीन के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। तब दोनों की ताकत लगभग बराबर थी लेकिन आज चीन की जीडीपी भारत से 5 गुना है। उम्मीद है कि भारत सरकार, सेना, बुद्धिजीवी और मीडिया चीन के बारे में अपनी समझ बढ़ाएंगे।

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चीन की धमकी- डोकलाम से भी बड़ा हो सकता है लद्दाख विवाद
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच करीब 3,500 किमी लंबी लाइन है जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) कहा जाता है। कई स्थानों दोनों पक्ष अपना-अपना दावा करते हैं जिससे कई बार हाथापाई की नौबत आ जाती है। इनमें से अधिकांश विवादों को स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया जाता है। ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया है कि गलवान घाटी का विवाद भारत की सोची समझी साजिश है। भारत इस बात को अच्छी तरह जानता है कि गलवान घाटी का इलाका चीन का है।

 

लेकिन मई की शुरुआत से ही भारतीय सैनिक वहां चीनी इलाके में घुसपैठ कर रहे हैं। भारतीय सैनिक जानबूझकर चीन के सैनिकों से उलझ रहे हैं।  अखबार ने चेतावनी दी है कि अगर भारत ने जल्दी से जल्दी उकसावे की कार्रवाई बंद नहीं की तो इससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है। यह विवाद डोकलाम से भी बड़ा हो सकता है। 2017 की गर्मियों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच में डोकलाम में कई दिनों तक विवाद चला था। आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के बाद डोकलाम में तनाव खत्म हुआ था।

 
 


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Tanuja

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