जेएनयू में CAA के विरोध में चिदंबरम का भाषण, बताया क्यों नहीं गए शाहीन बाग
punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2020 - 09:42 PM (IST)
नेशनल डेस्कः पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने जेएनयू में कहा कि कोई भी कानून फाइनल करने के लिए अंबेडकर, नेहरू, पटेल सहित सभी ने 3 महीने का समय लिया था। लेकिन मोदी सरकार ने 8 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल को ड्राफ्ट किया और इसके अगले दिन इसे लोकसभा में पास करा दिया। फिर 11 दिसंबर को वो इसे राज्यसभा लाए और दो दिनों बाद इसे नोटिफाई कर दिया गया, जिसे लाने में राजेंद्र प्रसाद और अन्य ने तीन महीने लगाए, उसे इन ‘बुद्धिमान’ लोगों ने तीन दिन में कर दिखाया। उन्होंने कहा कि किसी दिन JNU, मोदी यूनिवर्सिटी बन जाएगी और किसी अन्य यूनिवर्सिटी का नाम अमित शाह यूनिवर्सिटी हो जाएगा।
जेएनयू में पी चिदंबरम ने शाहीनबाग को लेकर कहा कि हम शाहीन बाग नहीं जा रहे हैं, क्योंकि ये भाजपा का जाल है। लेकिन, मैंने CAA-NRC के कई अन्य विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है। उन्होंनेे एनपीआर को लेकर कहा कि हम हर राज्य में एनपीआर का विरोध करेंगे और राज्यों का फैसला है कि एनपीआर लागू नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों के सहयोग के बिना एनपीआर लागू नहीं किया जा सकता।
चिंदबरम ने यहां कहा कि इजरायल जैसे कई देश धर्म के आधार पर सिटिजनशिप दे रहे हैं, लेकिन भारत ऐसा नहीं कर सकता। हम अपने संविधान से अलग नहीं कर सकते। पड़ोसी देशों के बारे में उन्होंने कहा कि क्या हमारे सिर्फ तीन ही पड़ोसी देश हैं, नेपाल, चीन, म्यांमार, भूटान आदि के बारे में क्या। म्यांमार के रोहिंग्या और हिंदू के बारे में क्या होगा। हमारी आपत्ति बिल पर नहीं है, बल्कि बिल के उस पक्ष की है जहां धार्मिक उत्पीड़न का उल्लेख किया गया है। क्या उत्पीड़न केवल धर्म पर आधारित है, यह भाषा पर भी हो सकता है। हमें शरणार्थियों पर कानून की जरूरत है। उन्होंने CAA पर बोत करते हुए प्रधानमंत्री पर सीधा हमला बोला और कहा कि पीएम अपने शिक्षा प्रमाणपत्र जैसे बनवाते हैं, मैं नहीं कर सकता।
2014 की करारी हार पर पी चिदंबरम ने यहां यह भी कहा कि हम 2014 में एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) के कारण चुनाव हार गए थे। मोदी ने सभी वादे पूरी करने की बात कही थी। साल 2019 के सभी चुनाव सर्वेक्षणों ने कहा था कि भाजपा को कम सीटें मिल रही हैं और यूपीए को 142, लेकिन पुलवामा हमले के बाद सबकुछ बदल गया। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हमने सरकार का गठन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में बालाकोट और पुलवामा का इस्तेमाल किया गया।