कोरोना ने रोकी चारधाम यात्रा की रफ्तार, पूरे सीजन में केवल 2.40 लाख तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन

punjabkesari.in Friday, Nov 06, 2020 - 01:17 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कोविड महामारी के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार चारधाम यात्रा में मात्र 7.5 प्रतिशत तीर्थयात्री ही पहुंचे। इस बार प्रदेश सरकार ने खास एहतियात बरतते हुए कोरोना महामारी के बीच यात्रा को संचालित किया। एक जुलाई से चार नवंबर तक चारों धामों में 2.40 लाख तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। जबकि देवस्थानम बोर्ड की ओर से लगभग 2.60 लाख ई-पास जारी किए हैं। शीतकाल के लिए चारों धामों के कपाट बंद होने से 19 नवंबर के बाद यात्रा अगले साल तक के लिए रुक जाएगी।

2013 की आपदा के बाद पिछले साल केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए रिकॉर्ड 32 लाख तीर्थ यात्री पहुंचे थे। चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या बढ़ने से सरकार भी पर्यटन और तीर्थाटन के लिए सकारात्मक मान रही थी। सरकार को इस साल तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना महामारी ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 

संक्रमण फैलने की आशंका के चलते तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद भी सरकार ने एक जुलाई से प्रदेश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा को शुरू किया। 25 जुलाई से बाहरी राज्यों के लोगों को भी सशर्त चारधाम यात्रा में आने की अनुमति दे दी गई। चार माह में देवस्थानम बोर्ड ने कुल 2.60 लाख ई-पास किए गए हैं, इनमें से 2.40 लाख तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं।

शीतकाल के कपाट बंद होने से थम जाएगी यात्रा 
केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर, बदरीनाथ के 19 नवंबर, गंगोत्री के 15 नवंबर और यमुनोत्री धाम के 16 नवंबर को बंद होंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा अगले साल तक के लिए थम जाएगी।

गत वर्ष चारधाम आए तीर्थ यात्री
केदारनाथ -10 लाख
बदरीनाथ -12.45 लाख
गंगोत्री -5.30 लाख
यमुनोत्री -4.65 लाख

सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर कोरोना महामारी में भी चारधाम यात्रा का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। महामारी के कारण चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। सरकार के प्रयासों से महामारी में भी 2.40 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए हैं।


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Pardeep

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