सरहद पर दो साल बाद लगा बाबा चामलियाल की दरगाह पर मेला, सीमा पार नहीं भेजी गई शक्कर और शरबत

punjabkesari.in Thursday, Jun 23, 2022 - 11:31 PM (IST)

साम्बा (संजीव): जिले के रामगढ़ सबसेक्टर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आज आयोजित बाबा चमलियाल मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सनद रहे कि कोविड के कारण यह दो साल के अंतराल के बाद यह मेला आयोजित किया गया। जम्मू-कश्मीर और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न हिस्सों से करीब 50,000 श्रद्धालुओं ने बाबा चमलियाल की स्माधि के दर्शन कर माथा टेका। 


    बाबा दलीप सिंह मन्हास की स्माधि, जिसे अतीत में भारत-पाकिस्तान के मिलन के प्रतीक के रूप में जाना जाता था। कि स्माधि पर हर साल जून माह के अंतिम वीरवार को मेला लगता है। मेले में शून्य रेखा पर कार्यक्रम का आयोजन होता था जिसमें बीएसएफ व पाक रेंजर्स हिस्सा लेते रहे हैं। बैठक में भारत द्वारा पाक श्रद्धालुओं के लिए स्माधिस्थल की पवित्र मिट्टी (शक्कर) और पानी (शरबत) भेजा जाता है तो पाक की ओर से बाबा की स्माधि के लिए चादर भेजी जाती है। स्माधि स्थल की मिट्टी और पानी के बारे में माना जाता है कि इनमें विभिन्न त्वचा रोगों को ठीक करने की शक्ति है।


    2018 में पाक रेंजर्स द्वारा बीएसएफ पर किए गए हमले के बाद से मेले के दौरान होने वाली यह फ्लैग मीटिंग बंद है। चादर चढ़ाने के बाद बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि इस बार भी सीमा पर दोनों पक्षों के बीच 'चादर' और 'शक्कर/शरबत' का कोई पारंपरिक आदान-प्रदान नहीं हुआ। बीएसएफ के उप महानिरीक्षक सुरजीत सिंह सेखों ने स्माधिस्थल पर सीमा सुरक्षा बल की ओर से चादर चढ़ाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मेला दो साल के अंतराल के बाद पारंपरिक उत्साह और उत्साह के साथ आयोजित किया जा रहा है। भारत और पाकिस्तान दोनों द्वारा युद्धविराम और समानांतर शांति पहल के बाद नवंबर 2003 में मेला लोकप्रिय हो गया।

 

जहां यह भारतीय पक्ष में तीन दिनों के लिए आयोजित किया जाता है, वहीं यह पाकिस्तान के सियालकोट जिले के सैदांवाली गांव में भी एक सप्ताह के लिए आयोजित किया जाता है। वहीं साम्बा जिले की उपायुक्त अनुराधा गुप्ता भी एसएसपी अभिषेक महाजन व अन्य अधिकारियों के साथ चमलियाल पहुंची व चादर चढ़ा कर पूजा-अर्चन की। इनके अलावा पूर्व मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा, सुरजीत सिंह सलाथिया, डा. देवेन्द्र मन्याल, मंजीत सिंह, डीडीसी केशव दत्त शर्मा सहित कई गणमान्य लोगों ने भी मेले में भाग लिया और माथा टेका। 


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Content Writer

Monika Jamwal

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