केन्द्र सरकार कभी-कभी छोटे राज्यों की सरकारों के हाथ मरोड़ देती है : मुख्यमंत्री सोरेन
punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 12:32 AM (IST)
रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार कभी-कभी अपने नियम, कायदे, कानूनों का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते छोटे राज्यों की सरकारों के हाथ मरोड़ देती है जिसका उन्हें मजबूरी में जवाब देना पड़ता है।
अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर विशेष बातचीत में सोरेन ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार झारखंड जैसे छोटे राज्यों में बड़ा ‘स्टेक होल्डर' है। जब राज्यों को कुछ देने की बारी आती है तो वह हमें नियम, कायदे, कानून का पाठ पढ़ाते हैं, ऐसे में हमें भी उनके लिए अपने नियम, कायदे, कानूनों की किताब निकालनी पड़ती है। लेकिन कभी-कभी केन्द्र सरकार की बड़ी टीम छोटे राज्यों के हाथ मरोड़ देती है।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा होने पर हम भी उस दर्द को बर्दाश्त नहीं करते... यानि अपने तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं।'' गौरतलब है कि 22 अक्टूबर 2020 को दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की देनदारी में झारखंड की बकाया राशि के 1,417 करोड़ रुपये की किस्त भारतीय रिजर्व बैंक में झारखंड के खाते से सीधे काट लिये जाने पर सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ‘केन्द्र सरकार पर राज्य सरकार का हाथ मरोड़ने का आरोप लगाया था।'
मुख्यमंत्री सोरेन से जब यह पूछा गया कि ‘डीवीसी, जीएसटी, एनटीपीसी, कोल इंडिया, सेल' आदि के मुद्दों पर केन्द्र सरकार के साथ राज्य के विवाद के समाधान के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश के व्यवसाय, उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र आदि की गतिविधियों में सबसे बड़ा पक्ष (स्टेक होल्डर) भारत सरकार है। आप राज्य में कहीं भी जाएं, ‘भारत सरकार का उपक्रम' लिखा बोर्ड मिल जाएगा।
राज्य में केन्द्र सरकार की कंपनियों की संख्या सर्वाधिक है। लिहाजा यहां के विकास में सबसे बड़ी भूमिका भी उन्हीं की होनी चाहिए।'' उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार का रूख राज्य के प्रति सकारात्मक नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को अपने संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह पूछे जाने पर कि क्या केन्द्र सरकार से तल्खी बहुत बढ़ गयी है या उनकी सोच अलग है, मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा, ‘‘वह पूरी तरह पारदर्शी हैं और जो उनके मन में है, वहीं जुबान पर भी है।'' गौरतलब है कि हाल में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सोरेन ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार को ‘रावण की सरकार' कह दिया था जिस पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
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