केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लाए है अध्यादेश

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 03:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर के लोग इन दिनों प्रदूषण के साए में जी रहे हैं। वहीं केंद्र और दिल्ली सरकार इससे निपटने में जुटी हुई है।  केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अध्यादेश लाई है और इसे जारी कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने नए अध्यादेश के जरिये प्रावधान किया है कि जो भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होगा, वह दोषी पाए जाने पर पांच साल तक कैद की सजा भुगतेगा और उस पर एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस अध्यादेश के बारे में जानकारी दी। पीठ ने इस पर कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाए जाने के मामले में कोई निर्देश देने से पहले वह अध्यादेश देखना चाहेगी।

 

पीठ ने कहा कि हम कोई आदेश पारित करने से पहले अध्यादेश पर गौर करना चाहेंगे। याचिकाकर्ता भी इसे देखना चाहेंगे। अगले शुक्रवार को इसे सूचीबद्ध किया जाए। न्यायालय ने 26 अक्तूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक पराली जलाए जाने की रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी के वास्ते शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति नियुक्त करने का अपना 16 अक्तूबर का आदेश सोमवार को निलंबित कर दिया था। न्यायालय ने 16 अक्तूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की तेजी से बिगड़ रही स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन लोकुर की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की थी, जिसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी करनी थी।

 

कोर्ट ने उस दिन केन्द्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। न्यायालय ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण और दिल्ली तथा संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को लोकुर समिति का सहयोग देने का निर्देश दिया था ताकि वह स्वयं पराली जलाए जाने वाले खेतों में जाकर वस्तुस्थिति का जायजा ले सकें। इस समिति को शुरू में हर पखवाड़े अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया गया था।


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Seema Sharma

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