अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई के मूड में केंद्र, दी जाएगी चार्जशीट!
punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 10:05 PM (IST)
नेशनल डेस्कः 60 घंटे की तबादला कथा अब केंद्र और बंगाल सरकार के बीच नई तनातनी में बदल गई है। ममता ने बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाकर केंद्र के खिलाफ नई जंग छेड़ दी है। वहीं, केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई का मूड बना लिया है। बताया जा रहा है कि उन्हें चार्जशीट दी जाएगी। केंद्र बंदोपाध्याय के रिटायर होने के बाद भी कार्रवाई के मूड़ में है।
सूत्रों के मुताबिक, "कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को रिपोर्ट करने में विफल रहने के लिए अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 28 तारीख को उन्हें दिल्ली अटैच करने का आदेश दिया था. उसी दिन पीएम मोदी के साथ बैठक को लेकर विवाद सामने आया था। बंदोपाध्याय को सुबह 10 बजे दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित DOPT में रिपोर्ट करना था लेकिन उन्होंने केंद्र के आदेश को ताक पर रखकर सुबह 11 बजे राज्य सचिवालय पहुंचे।
मुख्यमंत्री ममता ने कहा, ‘‘अभी कुछ दिन पहले मेरे अनुरोध पर आपने अपनी अनुमति दी थी और भारत सरकार ने मुख्य सचिव के रूप में उनकी सेवा को 31 मई, 2021 से तीन महीने के लिए विस्तार देने का आदेश जारी किया था, ताकि वे राज्य की सेवा कर सकें। राज्य कोविड-19 (देश के बाकी हिस्सों की तरह) की महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित है तथा हाल ही में एक अत्यंत भीषण चक्रवात से तबाह हो गया है।
ममता ने लिखा केंद्र को पत्र
ममता ने कहा कि मुझे लगता है कि 24 मई, 2021 को मुख्य सचिव के रूप में विस्तार देने का उक्त आदेश आपसी लिखित परामर्श के बाद जारी किया गया था। इस संबंध में मैं जनहित में और इस कठिन समय में पश्चिम बंगाल के लोगों के व्यापक हित में आपसे फैसला लेने का अनुरोध करती हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘स्वयं अखिल भारतीय सेवाओं और इसके लिए बनाए गए नियमों तथा कानूनों में संघीय सहयोग इसकी कानूनी संरचना की आधारशिला है।
अखिल भारतीय सेवाओं का संपूर्ण उद्देश्य इस संविधान की संघीय ढांचे की रक्षा करना और अधिक से अधिक सामंजस्य प्रदान करना रहा है। एकतरफा और गैर-परामर्शी आदेश जारी किए जाने से, संघीय व्यवस्था कमजोर हो गई है। यदि किसी राज्य के मुख्य सचिव को इस तरह से कार्यमुक्त करने के लिए कहा जा सकता है, तो निचली नौकरशाही राज्य के मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और अधिकारियों के पत्र या भावना में आदेशों को कैसे मान सकती है, मान सकती है और लागू कर सकती है।
मुझे लगता है और पूरी उम्मीद है कि आप संघीय सौहार्द को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। मैं यह भी मानती हूं और ईमानदारी से आशा करती हूं कि आप देश भर के विभिन्न राज्यों में कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के सभी अधिकारियों का मनोबल तोड़ना नहीं चाहते हैं।''
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