नोटबंदी की दूसरी सालगिरह पर बोले जेतली- बस कैश ज़ब्त करना नहीं था मक़सद

punjabkesari.in Thursday, Nov 08, 2018 - 03:20 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः नोटबंदी (Demonetisation) को आज दो साल पूरे हो गए हैं। आज ही के दिन साल 2016 में 1000 हज़ार और 500 के नोटों के चलन को रातोंरात बंद कर दिया गया था। जेतली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 8 नवंबर 2016 की आधी रात को नोट पर बैन को अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में सरकार की तरफ से उठाए गए महत्वपूर्ण फैसलों में से एक करार दिया।

नोटबंदी की दूसरी बरसी पर एक फेसबुक पोस्ट में जेतली ने लिखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले 4 साल में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 6.86 करोड़ हो गई, जबकि मई 2014 यह संख्या 3.8 करोड़ थी। 'नोटबंदी का प्रभाव' शीर्षक से लिखे अपने इस लेख में जेतली ने कहा कि सरकार के 5 साल पूरे होने तक हम करदाताओं की संख्या को दोगुना कर चुके होंगे।
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उन्होंने कहा कि नवंबर 2016 में उस समय चलने वाले 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का परिणाम यह हुआ कि हमारी अर्थव्यवस्था अधिक औपचारिक हुई, अधिक राजस्व मिला, गरीबों के लिए अधिक संसाधन मिले, बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ और हमारे नागरिकों का जीवन स्तर भी बेहतर हुआ है।
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क्या हुआ नोटबंदी का फायदा
नोटबंदी से ज़्यादा टैक्स रेवेन्यू जमा करने और टैक्स बेस को बढ़ाने में मदद मिल रही है।
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जेतली ने ब्लॉग में लिखा है कि वित्त वर्ष 2018-19 (31-10-2018) तक जो पर्सनल इनकम टैक्स जमा हुए हैं, वो पिछली बार के मुकाबले 20.2% ज़्यादा हैं। कॉरपोरेट टैक्स 19.5% ज़्यादा जमा हुए हैं। इसके अलावा, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 6.6% और 9% हो गया है।
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Isha

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