सिविल सेवा अधिकारियों की फंक्शनिंग में सुधार का काम करेगी सरकार, कर्मयोगी बिल को कैबिनेट ने दी मंजूर

punjabkesari.in Wednesday, Sep 02, 2020 - 07:00 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने देश के दो करोड़ से अधिक सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यक्षमता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए उद्देश्य से ‘राष्ट्र के लिए कर्मयोगी' मिशन की आज घोषणा की जिसके तहत प्रशिक्षण की संरचना में व्यापक बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कमान में एक मानव संसाधन परिषद का गठन होगा जो शीर्ष निकाय के तौर पर सिविल सेवा-सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा प्रदान करेगी।  यह निर्णय आज यहां प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना के बाद सरकार ने मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सबसे बड़े सुधार को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ‘मिशन कर्मयोगी' के नाम से राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) शुरू किया जा रहा है।

मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवक को और अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करना है। विशिष्ट भूमिका क्षमताओं के साथ सिविल सेवक उच्च गुणवत्ता वाली मानक प्रभावी सेवा प्रदान करने में समर्थ होंगे। 

इस मिशन के तहत विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए क्षमता विकास की एक नई राष्ट्रीय अवसंरचना तैयार की गई है जिसमें दक्षतापूर्ण सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया स्तरों पर क्षमता विकास व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने का लक्ष्य है। इस मिशन में कार्यसंस्कृति के रूपांतरण, सार्वजनिक संस्थानों के सुद्दढ़ीकरण, आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग को सुव्यवस्थित रूप से जोड़कर सिविल सेवा क्षमताओं में आमूलचूल बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है। 


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Yaspal

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