26 जनवरी की घटना से राष्ट्रपति नाराज, पढिए बजट अभिभाषण में किन-किन मुद्दों का हुआ जिक्र

punjabkesari.in Friday, Jan 29, 2021 - 12:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज से बजट सत्र का आगाज हो गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए सरकार की कई उपलब्धियां गिनाई। इस दौरान उन्होंने 26 जनवरी को हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। यहां पढ़ें राष्ट्रपति के अभिभाषण की मुख्यें बातें:-

 


राष्ट्रपति ने तीन नए कृषि कानून के गिनाए फायदे 

  • मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं। 
  • कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए  सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।
  • प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को 20 लाख सोलर पंप दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा गन्ने के सीरे, मक्का, धान इत्यादि से एथनॉल के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है। 
  • पिछले 6 वर्षों में सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण एथनॉल का उत्पादन 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 190 करोड़ लीटर हुआ है।

 

संकट की घड़ी में भारत ने मानवता का दिया परिचय: राष्ट्रपति

  • मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है। 
  • हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं।
  • महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया। इस अभियान की वजह से 50 करोड़ Man-days के बराबर रोजगार पैदा हुआ।
  • कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है।

 

सरकार ने हर तबके पर दिया ध्यान: राष्ट्रपति

  • सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। 
  • अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।
  • ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की।
  • करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।


हमें आत्मनिर्भर बनना होगा: राष्ट्रपति

  • अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।
  • यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।
  • मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है।
  • आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं।
  • सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ 3 करोड़ 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिल रहा है। इनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वनवासी एवं जनजातीय वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

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vasudha

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