बजट सत्र से पहले बोले पीएम मोदी- भारत ने आर्थिक गतिविधियों को रखा कायम
punjabkesari.in Friday, Jan 29, 2021 - 10:40 AM (IST)
नेशनल डेस्क: बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था पर देश एवं दुनिया की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की चुनौतियों पर बात की। मोदी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर बैठक में वैश्विक कारोबारी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य सुलभता, समावेशन और सशक्तीकरण के जरिये देश में बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि भारत ने अरबों रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और रोजगार के लिए विशेष योजनाएं शुरू कर आर्थिक गतिविधियों को कायम रखा।
भारत सतत शहरीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा: मोदी
शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने वैश्विक कंपनी जगत के नेताओं के साथ बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि भारत कर व्यवस्था से लेकर एफडीआई नियमों तक अनुकूल और दोस्ताना वातावरण उपलब्ध कराता है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के विषय में मोदी ने कहा कि देश वैश्विक भलाई एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को लेकर प्रतिबद्ध है। वहीं इस दौरान देश की डिजिटल पृष्ठभूमि पूरी तरह बदल गई है। उन्होंने कहा कि भारत सतत शहरीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हमारा मुख्य ध्यान जीवन सुगमता, कारोबार सुगमता और जलवायु संवेदनशील विकास पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विभिन्न देशों को ऑनलाइन प्रशिक्षण, परंपरागत ज्ञान के ज्ञान, वैक्सीन और वैक्सीन ढांचे के जरिये मदद कर रहा है।
डिजिटल समाधान भारत का हिस्सा: मोदी
मोदी ने कहा कि हम लोगों का जीवन बचाने और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। भारत की आत्म-निर्भरता की महत्वाकांक्षा से वैश्वीकरण मजबूत होगा और इससे उद्योग 4.0 में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उद्योग 4.0 के सभी चार कारकों...संपर्क, ऑटोमेशन, कृत्रिम मेधा या मशीन लर्निंग तथा तत्काल आधार पर आंकड़ों पर काम कर रहा है। मोदी ने कहा कि भारत उन देशों में है जहां डेटा शुल्क सबसे कम है और मोबाइल कनेक्टिविटी और स्मार्टफोन दूरदराज तक व्यापक रूप से पहुंच चुका है। देश का ऑटोमेशन डिजाइन विशेषज्ञ पूल व्यापक है और देश ने एआई और मशीन लर्निंग में पहचान स्थापित की है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ढांचे के विस्तार से आज डिजिटल समाधान भारत में रोजाना के जीवन का हिस्सा बन गया है। आज 1.3 अरब भारतीयों का आधार नंबर है जो उनके खाते और फोन से जुड़ा है। सिर्फ दिसंबर में यूपीआई के जरिये 4,000 अरब रुपये का लेनदेन हुआ है।