ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने डिजिटल स्वास्थ्य के कार्यान्वयन दौरान चुनौतियों और अवसरों को लेकर की चर्चा

punjabkesari.in Saturday, Sep 04, 2021 - 02:54 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में  केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। पैनल ने डिजिटल स्वास्थ्य के कार्यान्वयन के दौरान आई चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने सभी स्तरों पर डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों को पूर्ण रूप से अंगीकार करने की भारत की प्राथमिकताओं पर पैनल को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने ब्रिक्स देशों के बीच मानक पाठ्यक्रम के माध्यम से सक्षम स्वास्थ्य सूचना विज्ञान पेशेवरों के कैडर निर्माण संबंधी बिक्स की रणनीति के बारे में अपनी बात रखी।

 

स्वास्थ्य प्रणालियों (ब्रिक्स के तहत) के लिए साक्ष्य आधारित डिजिटल प्रौद्योगिकियों के भंडार और नवाचारों के विकास से भारत की अपेक्षाएं और सुगम स्वास्थ्य प्रणाली बनाने की दिशा में कोविड-19 के दौरान डिजिटल नवाचारों के इस्तेमाल से प्राप्त लाभों को बनाए रखने की भारत की रणनीतिक पहल पर भी चर्चा हुई।डॉ. पवार ने स्वीकार किया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर डिजिटल स्वास्थ्य प्राथमिकता बन चुका है। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 की दो लहरों ने विशिष्ट चुनौतियां पेश कीं, जिसके लिए प्रभावी एवं क्षेत्रीय जरूरतों के प्रति संवेदनशील मानवीय केंद्रीकृत जवाबी कार्रवाई की आवश्यकता पड़ी। डिजिटल स्वास्थ्य का इस महामारी के प्रबंधन में कुशलता से उपयोग किया गया तथा इससे हम अपनी कार्रवाई को मजबूत करने के लिए और वैज्ञानिक एवं आंकड़ा आधारित पहल अपना सके।'

 

भारत में डिजिटल पहल के एक व्यापक ढांचे के तौर पर राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के माध्यम से डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित करने के लिए सिफारिशों को लागू कर रहे हैं। यूनिक हेल्थ ID के माध्यम से NDHM विभिन्न केंद्रों और चिकित्सकों के लिए सच्ची सूचना का एकल स्रोत तैयार करेगा और डिजिटल मोड के माध्यम से विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देगा।'

 

डॉ. पवार ने बताया कि डिजिटल स्वास्थ्य का एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए भारत की तत्काल क्षेत्रीय स्तर की प्राथमिकताओं में रियल टाइम नैदानिक प्रबंधन के लिए सभी जिला अस्पतालों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) का कार्यान्वयन, टेलीमेडिसिन के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के लिए सस्ती और सुलभ चिकित्सा परामर्श सुविधा और सभी हितधारकों को एकीकृत कर स्वास्थ्य आपदा प्रबंधन के लिए एक ढांचा स्थापित करना शामिल है।डिजिटल रूप से महामारी के प्रबंधन के लिए मानव संसाधन का पूल तैयार करने के संबंध में, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे भारत ने 16 मिलियन से ज्यादा कोविड योद्धाओं को प्रशिक्षित करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म ( IGOT ( का लाभ उठाया। इसमें डॉक्टर, पैरामेडिक, नर्स, सामुदायिक प्रतिभागी आदि शामिल हैं।

 

डॉ. पवार ने इस बात पर जोर दिया कि कंप्यूटरीकृत तरीके से देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ब्रिक्स देशों में स्वास्थ्य डेटा की उपलब्धता के लिए ब्रिक्स डिजिटल स्वास्थ्य मंच समय की जरूरत है; 'वैश्विक कल्याण के लिए साक्ष्य आधारित डिजिटल स्वास्थ्य की सर्वोत्तम प्रणालियों का भंडार तैयार करने के लिए हमें मिलकर और सहयोग से काम करने की आवश्यकता है। इस तरह का फ्रेमवर्क डेटा की शेयरिंग और उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और मौजूदा कोविड-19 महामारी जैसे रोग के प्रकोप से सुरक्षा के लिए डेटा के समन्वय, उसे जुटाने और शेयर करने की वैश्विक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।' 


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Content Writer

Tanuja

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