ब्लैक फंगस का कहर: 3 बच्चों की निकालनी पड़ी आंख, 16 साल की लड़की हुई डायबिटीज की शिकार

punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 11:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस के संकट के बीच देश ब्लैक फंगस का खतरा भी मंडरा रहा है। कोरोना से ठीक हुए मरीजों को ब्लैक फंगस अपना शिकार बना रहा है जोकि एक बड़ी चिंता है। वहीं अब बच्चे भी ब्लैक फंगस के शिकार होने लग गए है। ब्लैक फंगस के कारण तीन बच्चों की आंखें निकालनी पड़ीं। तीनों बच्चे कोरोना की चपेट में आए थे, हालांकि वे इस महामारी से उबर गए थे लेकिन इसके बाद ब्लैक फंगस ने उनको अपनी जद्द में ले लिया। मुंबई के प्राइवेट अस्पतालों में आए इन केसों में बच्चों की उम्र 4, 6 और 14 साल की है। डॉक्टरों ने बताया कि 4 और 6 साल के बच्चों में डायबिटीज नहीं थी जबकि 14 साल वाले बच्चे में यह समस्या थी।

 

वहीं एक अन्य मामले में एक 16 साल की लड़की कोरोना से ठीक होने के बाद डायबिटीज की शिकार हो गई और इसके बाद उसके पेट में ब्लैक फंगस पाया गया। मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल की डॉ. जेसल सेठ के मुताबिक उनके पास ब्लैक फंगस के दो केस आए और दोनों ही बच्चों के थे। 14 साल का बच्चे को डायबिटीज थी और अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर ही उसमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने लगे। ब्लैक फंगस इतना बढ़ गया कि उसकी आंख निकालनी पड़ी। डॉक्टर ने कहा कि गनीमत है कि इन्फेक्शन उसके दिमाग तक नहीं पहुंचा।

 

वहीं 4 और 6 साल के बच्चों का इलाज एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में हुआ। अस्पताल के मुताबिक अगर बच्चों की आंख नहीं निकाली जाती तो उनको बचाना मुश्किल हो जाता। वहीं 16 साल की बच्ची के पेट में ब्लैक फंगस पहुंच गया था लेकिन वो जल्दी ही रिकवर हो गई और अब ठीक है। बता दें कि अभी तक ब्लैक फंगस के जितने भी केस सुनने को मिले थे उसमें बड़े लोग ही इससे प्रभावित हुए थे लेकिन अब बच्चों में भी इसके लक्षण दिखने लगे हैं। कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है। इसके कारण मरीजों की आंख, नाक और जबड़े पर बुरा असर पड़ रहा है।


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Content Writer

Seema Sharma

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