बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ भाजपा का हल्ला बोल, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, तेजस्वी सूर्या बोले- दीदी बन गई है 'हिटलर'

punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2022 - 06:32 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोलकाता पुलिस ने मंगलवार को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) में कथित घोटाले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को साल्ट लेक क्षेत्र में विकास भवन में प्रवेश करने से रोकने के लिये पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए। हालांकि इस दौरान किसी के घायल होने की खबर नहीं मिली।

भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के विरोध में पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन की ओर मार्च का आयोजन किया था। विरोध मार्च का नेतृत्व भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने किया। पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ पोस्टर और तख्तियां लिये भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य के शिक्षा विभाग के विरोध में नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि घोटाले के दोषियों को जेल भेजा जाए।

पुलिस ने विकास भवन के बाहर तीन स्तरीय अवरोधक लगा रखे थे और शुरुआत में उसने कार्यकर्ताओं को मार्च रोकने के लिए मनाने की कोशिश की। लेकिन कार्यकर्ताओं ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और पहले अवरोधकों को तोड़ दिया, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। इसके बाद मजूमदार और सूर्या के नेतृत्व में कार्यकर्ता सड़कों पर बैठ गए और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया।

बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का गला घोट रही हैं। उन्होंने कहा कि हमने पुलिस से कहा कि हमें गिरफ्तार करें या फिर हिरासत में लें लेकिन लाठीचार्ज न करें लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हमारी महिला कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उन्होंने बताया कि पुलिस की लाठीचार्ज में 5 कार्यकर्ता घायल हुए हैं,सभी अस्पताल में भर्ती हैं।

वहीं, भाजयुमो अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा कि यह तानाशाही सरकार है। ममता बनर्जी हिटलर बन गई हैं। सूर्या ने कहा, “राज्य सरकार और पुलिस विरोध करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार को छीनने की कोशिश कर रहे हैं। अन्याय और भ्रष्टाचार होगा तो स्वाभाविक है कि हम विरोध करेंगे। लेकिन जिस तरह से लोकतांत्रिक विरोध पर अंकुश लगाया जा रहा है वह अलोकतांत्रिक है।''


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Content Writer

Yaspal

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