ऑफ द रिकॉर्डः हरसिमरत बादल समेत भाजपा सांसदों ने आम्र्स एक्ट बिल में करवाया संशोधन
punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 11:09 AM (IST)
नेशनल डेस्कः मोदी सरकार अपने ही सांसदों के दबाव में झुक गई और उसने शस्त्र (संशोधन) विधेयक, 2019 में बदलाव करने का फैसला किया। इस विधेयक को पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया था। इस पर भाजपा सांसदों और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विधेयक के कुछ खंडों का विरोध किया था।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जब बिल को मंजूरी के लिए लाया गया तो उन्होंने बिल से संबंधित कुछ ङ्क्षचताओं के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। वहीं पी.एम. ने कहा था कि आत्मरक्षा के लिए एक से अधिक बंदूक की आवश्यकता नहीं होगी। इस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत और राजनाथ सिंह ने विधेयक के कुछ खंडों पर सवाल उठाया था।
वहीं भाजपा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलकर उन्हें अवगत करवाया कि अशांत राज्यों में हथियार की कमी लोगों की सुरक्षा को प्रभावित करेगी। राजपूत और भूमि से संबंधित समुदाय के सांसदों ने कहा कि वे अपने बंगलों में प्राचीन और कीमती सामानों व जमीनों पर कब्जों को लेकर काफी समय से जूझ रहे हैं। इन्हें नई नीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
इसके बाद सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक की और आम्र्ज एक्ट (संशोधन) विधेयक, 2019 के कुछ खंडों में बदलाव करने का निर्णय लिया। इसके बाद लोकसभा ने बिल को पारित किया। विधेयक में आम्र्स एक्ट, 1959 में संशोधन का उद्देश्य है प्रति व्यक्ति लाइसैंस प्राप्त हथियारों की संख्या कम करना और अधिनियम के तहत कुछ अपराधों के लिए दंड में वृद्धि करना। बिल में वर्तमान में लाइसैंस पर 3 से 1 हथियार करने का प्रावधान किया था लेकिन भाजपा सांसदों ने बाद में संशोधन के उपरांत 2 करने का प्रावधान करवाया। इस विधेयक में अवैध तौर पर हथियार रखने पर जुर्माने के साथ 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद कर दिया है।