RSS के खिलाफ पारित प्रस्ताव पर गरमाई सियासत, भाजपा नेता आर पी सिंह और SGPC हुए आमने सामने

punjabkesari.in Friday, Apr 02, 2021 - 01:55 PM (IST)

जालंधर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा अपनी जनरल हाउस की बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ पास किए गए प्रस्ताव के बाद गुरूवार को इस मसले पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह और SGPC के मध्य ट्विटर पर जंग शुरू हो गई। आर पी सिंह ने एस जी पी सी द्वारा आर एस एस के खिलाफ पारित प्रस्ताव से संबंधित एक अंग्रेजी अख़बार की कटिंग को ट्वीट करते हुए लिखा कि " शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पंजाब में सिखों के धर्म परिवर्तन को रोकने में बुरी तरह से नाकाम रही है और अपनी इस असफलता को छुपाने के लिए एस जी पी सी हिन्दू राष्ट्र का मुद्दा उठा रही है। मैं एस जी पी सी को चुनौती देता हूं कि वह एक भी ऐसा मामला सामने लाए, जिसमें हिन्दुओं ने सिखों का धर्म परिवर्तन करवाया हो।

 

इसके जवाब में एस जी पी सी ने ट्वीट कर के आर पी सिंह के ट्वीट को भ्रामक बता दिया लेकिन एस जी पी सी के ट्वीट के जवाब में आर पी सिंह ने एक बार फिर 2014 में छपी एक खबर ट्वीट कर दी , इस खबर में लिखा गया था कि आर एस एस पंजाब में सिखों के धर्मांतरण को रोकने पर काम कर रहा हैद्ध आर पी सिंह के इस ट्वीट के बाद एस जी पी सी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया

 

पंजाब में धर्म परिवर्तन जोरों पर ,एस जी पी सी नाकाम  : आर पी सिंह
आर पी सिंह ने कहा कि एस जी पी सी का मुख्य काम धर्म प्रचार करना है और एस जी पी सी के  प्रभाव वाले पंजाब के माझा इलाके में ही सबसे ज्यादा धर्मांतरण हो रहा है।  2011 की जनगणना के मुताबिक पंजाब के गुरदासपुर में ही 7.68 प्रतिशत आबादी ईसाई बन चुकी थी जबकि 2021 की जनगणना में आंकड़ा इस से भी कहीं ज्यादा निकलेगा।  अमृतसर में 2.18 फीसदी  और तरन तारण में 0.54 फीसदी आबादी ने धर्म परिवर्तन किया है।  यह पूरा इलाका एस जी पी सी के असर वाला है और यहां पिछले कई वर्षों से लगातार धर्म परिवर्तन हो रहा है और सिख समुदाय के लोग भी धर्म परिवर्तन कर रहे हैं लेकिन एस जी पी सी इसे रोकने और सिखों को गुरु के घर के साथ जोड़ने में नाकाम रही है और अब पंजाब में सियासी फायदे के लिए आर एस एस और हिन्दू राष्ट्र का हौवा खड़ा करने में जुटी है।


क्या कहा था एस जी पी सी ने
एस जी पी सी ने अपने बजट सेशन के दौरान आर एस एस के खिलाफ पारित किए गए प्रस्ताव में कहा था कि आर एस एस अल्पसंख्यक समुदाय के अंदरूनी मामलों में दखल देकर उनके लिए चुनौती बन रहा है।  17वी सदी में इस तरह के प्रयास मुगलों द्वारा किए गए थे और इन्हे रोकने के लिए ही सिखों के 9वें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान दिया था। एस जी पी सी द्वारा पारित इस प्रस्ताव ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी हैं और यह पंजाबी मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।

 


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vasudha

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