चक्रवात जवाद पर पीएम नरेंद्र मोदी की बड़ी बैठक, तैयारियों का लिया जायजा
punjabkesari.in Thursday, Dec 02, 2021 - 06:55 PM (IST)
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘जवाद' के खतरों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर तैयारियों की गुरुवार सुबह राजधानी में एक उच्च स्तरीय समीक्षा की और खतरे की आशंका वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने का इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मोदी ने अधिकारियों को जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए हर संभव उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मोदी ने बैठक में कहा कि आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए हर संभव उपाय किए जाने चाहिए और उनमें रुकावट आती है तो उसे जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास हों। सभी मंत्रालयों और एजेंसियों को मिलजुल कर इस तरह काम करने को कहा गया है ताकि तूफान से नुकसान कम से कम हो। राष्ट्रीय आपदा कारर्वाई बल (एनडीआरएफ) ने तूफान के खतरे वाले क्षेत्रों में पहले ही 29 टीमें भेज दी हैं। उनके साथ नाव, पेड़ काटने की आरी, दूरसंचार उपकरण आदि भी भेजे गए हैं। इसके अलावा 33 टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने भी अपने जहाज और हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैयार कर रखे हैं। उन्होंने तूफान में लापता लोगों की खोज और बचाव के लिए भी तैयारी की है। भारतीय वायुसेना और भारतीय थल सेना के इंजीनियरों किटी में भी तैयार रखी गई हैं। आपदा राहत और चिकित्सा दल भी पूर्वी तट पर तैनात कर दिए गए हैं।
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक उपस्थित थे। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे चक्रवात जवाद से ओडिशा और उससे सटे राज्यों में खतरे की आशंका है। सरकारी बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खतरे वाले इलाकों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगह पहुंचाने के हर संभव इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, फोन, स्वास्थ्य एवं पेयजल सुविधा जैसी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने और रुकावट की स्थिति में यथा शीध्र पुन: शुरू करने की तैयारी सुनिश्चत करने के निर्देश दिए। उन्होंने दवा और अन्य जरूरी चीजों का पर्याप्त भंडार रखने और उन्हें निर्बाध रूप से पहुंचाने की तैयारी रखने को भी कहा। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि आपदा से निपटने के लिए स्थापित किए जाने वाले नियंत्रण कक्षों को दिन-रात चालू रखा जाए।
मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी पर उभरे कम दबाव के क्षेत्र के जवाद तूफान का रूप लेने का खतरा है। यह चक्रवात शनिवार चार दिसंबर को सुबह तक उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट पर पहुंच सकता है। इस दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली तेज हवाएं चलने और आंध प्रदेश, ओडिशा, तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में भारी वर्षा होने का अनुमान है।
मौसम विभाग इन राज्यों के लिए बराबर मौसम के बुलेटिन जारी कर रहा है। केंद्र सरकार के मंत्रिमडल सचिव राजीव गौवा ने सभी सम्बन्धित राज्यों तथा केंद्र सरकार के मंत्रालयों और एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ मिल कर स्थिति की समीक्षा की है। गृहमंत्रालय भी स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है और संबंधित राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों के साथ संपकर् बनाए हुए है।
मंत्रालय ने राज्यों को आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से पहली किस्त अग्रिम जारी कर दी है। बिजली मंत्रालय ने भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी टीमों को सक्रिय कर दिया है। स्थिति से निपटने के लिए डीजल से चलने वाले जनरेटरों की व्यवस्था और लाइनों को शीघ्र ठीक करने के इंतजाम किए जा रहे हैं। दूरसंचार मंत्रालय भी सभी टावरों और दूरसंचार एक्चेंजों की स्थिति की निगरानी कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को परामर्श जारी किए हैं।
मंत्रालय ने कोविड से प्रभावित इलाकों के बारे में भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। बंदरगाह एवं जहाजरानी विभाग ने भी बचाव और राहत की तैयारियां की हैं। जवाद चक्रवात के खतरे के मद्देनजर राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को तटवर्ती इलाकों की रसायन एवं पेट्रो रसायन इकाइयों को चौकस रखने के निर्देश देने को कहा गया है। एनडीआरएफ राज्य स्तरीय एजेंसियों के साथ सहयोग और समन्वय कर रहा है और सर्वसाधारण को चक्रवात के खतरों और सावधानियों के प्रति जागरूक करने के अभियान चलाए जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
पेट की जिद्दी चर्बी हो जाएगी गायब, रोज पिएं ये 5 Drinks
Lok Sabha Election 2024: अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते, सीईसी की बैठक में नहीं हुई चर्चा
Jatoli Shiv Temple in Solan, Himachal Pradesh: एशिया के सबसे ऊंचे जटोली शिव मंदिर में है स्फटिक मणि शिवलिंग