बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट

punjabkesari.in Wednesday, Nov 24, 2021 - 06:36 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार द्वारा 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीत कालीन सत्र में क्रप्टोकरेंसी पर  कानून लाए जाने की खबर के बाद मंगलवार देर रात भारत में बिट कॉइन की कीमतें 17 प्रतिशत तक लुढ़क गई जबकि यू एस डी टी 12 प्रतिशत तक गिर गया। मंगलवार देर रात वजीर एक्स पर एक बिट कॉइन की कीमत 37 लाख 98 हजार रुपए के करीब चल रही थी और यह 46 लाख 35 हजार के अपने उच्चतम स्तर से करीब 18 प्रतिशत तक लुढ़क गया था जबकि यू एस डी टी देर रात 71 रुपए पर कारोबार कर रहा था और यह अपने 80 रुपए के उच्चतम स्तर से करीब 19 प्रतिशत गिर कर 65 रुपए तक पहुंच गया था। भारतीय निवेशकों को डर है कि सरकार इस पर नियंत्रण के लिए यदि कानून लाती है तो कानून में कड़े प्रावधान हो सकते हैं लिहाजा निवेशकों ने मंगलवार देर रात अपनी पोजिशंस स्कवेर आफ करनी शुरू कर दी हैं। बिट कॉइन के साथ साथ अन्य करंसी भी देर रात 25 प्रतिशत तक गिरावट के साथ कारोबार कर रही थी।
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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है।
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हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाये जायेंगे । हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी ।
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पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए । भारतीय रिजर्ब बैंक ने बार बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है।

पांच करोड़ बैरल तेल जारी करेगा अमेरिका
उधर, अमेरिकी सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने के लिए अपने रणनीतिक तेल भंडार से पांच करोड़ बैरल तेल जारी करने का आदेश दिया है। अमेरिका अन्य देशों के साथ तालमेल कर कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के इस कदम का मकसद गैस और पेट्रोल के दाम नीचे लाना है। इस समय इनकी कीमत 3.40 डॉलर प्रति गैलन पर है जो एक साल पहले की तुलना में दोगुना है। अमेरिका के अलावा भारत, जापान, कोरिया और ब्रिटेन ने भी रणनीतिक भंडार से कच्चा तेल जारी करने की घोषणा की है। 
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घोषणा के बाद अमेरिकी तेल 1.9% गिरकर 75.30 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर आ गया। पिछली बार 2.5% बढ़कर 78.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.2% की बढ़त के साथ 82.31 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।


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Content Writer

Yaspal

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