बड़ा खुलासा: DSP दविंदर सिंह की आतंकी नवीद के साथ थी सात साल से साठगांठ
punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2020 - 05:50 PM (IST)
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी दविंदर सिंह का लेकर आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय एजेंसी (एनआईए) दिल्ली में पूछताछ कर रही है। इस दौरान खुलासा हुआ है कि दविंदर सिंह पकड़े गए आतंकी नवीद अहमद को पिछले सात साल से जानता था। नवीद अहमद पुलिस की नौकरी छोड़कर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया था।
एक अखबार के मुताबिक दविंदर ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह आतंकी नवीद को सात सालों से जानता है। दविंदर सिंह पहली बार 2013 में नवीद से मिला था। नवीद कॉन्सटेबल के तौर पर पुलिस ज्वाइन की थी बाद में वह एसपीओ का हिस्सा बन गए थे। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आतंकी नवीद का डीएसपी के घर पर काफी आना जाना था। दोनों ड्यूटी के दौरान ऑफिस में साथ-साथ रहते थे। दोनों आतंकियों के साथ खुफिया जानकारी साझा करते थे इस दौरान उन्होंने काफी पैसे भी कमाए।
2017 में हिजबुल से जुड़ा नवीद
बता दें कि आतंकी नवीद साल 2017 में हिजबुल में शामिल हुआ था। बड़गाम के चांदपोरा में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में तैनात था तभी एक दिन वह चार राइफल लेकर फरार हो गया और आतंकी संगठन हिजबुल में शामिल हो गया। वहीं डीएसपी दविंदर उसके साथ लगातार संपर्क में था। जांच एजेंसी की मानें तो दोनों ऐप के जरिए बातचीत करते थे। बताया जा रहा है कि नवीद के हिजबुल में शामिल होने के बाद दविंदर उसके परिवारवालों की लगातार मदद करता था। यही नहीं दविंदर ने कई बार उसके घरवालों को गाड़ियों से सुरक्षित ठिकानों पर भी पहुंचाया था।
कश्मीर में 11 ट्रक ड्राइवरों की हत्या: वहीं कहा जा रहा है कि नवीद ने बीते दिनों कश्मीर में 11 ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर दी थी। नवीद के खिलाफ कुल मिलाकर 17 एफआईआर दर्ज है। उस पर कुछ पुलिसवालों को मौत के घाट उतारने का आरोप है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर वैन दुर्घटनाग्रस्त, पेड़ ने बचाई 3 लोगों की जान