बीटिंग द रिट्रीट: अब इतिहास हो जाएगी महात्मा गांधी की यह फेवरेट धुन, इसकी जगह बजेगा यह संगीत

punjabkesari.in Saturday, Jan 22, 2022 - 08:16 PM (IST)

नेशनल डेस्कः महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों में से एक ‘‘एबाइड विद मी'' की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले ‘बीटिंग रिट्रीट' समारोह से हटा दिया गया है। भारतीय सेना द्वारा शनिवार को जारी एक विवरण पुस्तिका से इसकी जानकारी मिली। स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट द्वारा 1847 में लिखित ‘‘एबाइड विद मी'' 1950 से ‘बीटिंग रिट्रीट' समारोह का हिस्सा रहा है। विवरण पुस्तिका में कहा गया है कि इस साल के समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा' के साथ होगा। बीटिंग रिट्रीट ‘‘एबाइड विद मी'' की धुन के साथ समाप्त होता था। विवरण पुस्तिका में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है जो इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में बजाए जाएंगे।

इस बार ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह के लिए 26 धुनों की आधिकारिक सूची में ‘एबाइड विद मी’ नहीं है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि गाने को मास बैंड्स ने इस तरह से रूपांतरित किया है कि घंटियाँ बजती रहेंगी जैसे उन्होंने ‘एबाइड विद मी’ के साथ की थी। ‘एबाइड विद मी’ बीटिंग द रिट्रीट समारोह की एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा रही है। इसे बदलने के लिए उपयुक्त भारतीय धुन की तलाश के लिए पिछले साल के मध्य से प्रयास चल रहे थे। एक शीर्ष रक्षा सूत्र ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए लगभग छह धुनों पर विचार किया गया था, जिसमें कुछ धुनें जो पहले से ही भारतीय सैन्य बैंड द्वारा उपयोग की जा चुकी हैं, और तीन नई धुनें जो निजी संस्थाओं द्वारा भेजी गई थीं।

एबाइड विद मीकी जगह इन धुनों पर किया गया था विचार
एक सूत्र ने कहा, “ऐ मेरे वतन के लोगों के अलावा, जिन धुनों पर विचार किया गया था, उनमें सारे जहां से अच्छा, दे शिवा बर मोहे (गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित एक भक्ति भजन) और ऐ मालिक तेरे बंदे हम शामिल थे, जो कि उनके लोगों के अलावा निजी संस्थाओं के द्वारा भेजे गए थे।” हालांकि, इन सब धुनों में से ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ पर अंतिम मुहर लगी और इसे ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह की समापन धुन के रूप में ‘एबाइड विद मी’ को बदलने के लिए चुना गया।

बीटिंग रिट्रीटसमारोह में पहली बार जलवा बिखेरेंगे ड्रोन और लेजर शो
राष्ट्रीय राजधानी में 29 जनवरी को होने वाले वार्षिक बीटिंग रिट्रीट समारोह में इस बार लगभग एक हजार ड्रोन जलवा बिखेरते नजर आएंगे। आईआईटी दिल्ली से जुड़ा एक स्टार्टअप आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मद्देनजर इन ड्रोन के शो का प्रदर्शन करेगा। इसके साथ ही बीटिंग रिट्रीट समारोह में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की प्राचीरों पर पहली बार एक लेजर शो आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार होगा, जब बीटिंग रिट्रीट समारोह किसी लेजर शो और ड्रोन शो का गवाह बनेगा।

बीटिंग रिट्रीट' सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे। बिगुल की धुन बजने के साथ सैनिक लड़ना बंद कर अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे।

 


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Content Writer

Yaspal

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