हरियाणा में एमबीबीएस पाठयक्रम में आयुर्वेद को भी किया जायेगा शामिल

punjabkesari.in Friday, Feb 03, 2023 - 05:41 PM (IST)


चण्डीगढ़, 03 फरवरी-  (अर्चना सेठी) हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में एमबीबीएस पाठयक्रम में आयुर्वेद को भी शामिल किया जायेगा। एमबीबीएस की डिग्री के तहत 4 साल विद्यार्थी एलोपैथिक की पढ़ाई करेगा, वहीं एक साल आयुर्वेद की पढ़ाई करेगा, इसके लिए एक टीम का गठन किया है जो कोर्स को तैयार करने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि जिस देश के लोग मजबूत होते हैं उनका राष्ट्र मजबूत होता है।

आयुष मंत्री अनिल विज आज अंबाला छावनी में 75वें सूर्य नमस्कार अभियान कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा इस दिशा में बहुत काम किया जा रहा है। हम लोगों को योग की ओर आकर्षित कर रहे हैं। कल ही कैबिनेट बैठक में आयुष विभाग को अलग विभाग बनाकर दर्जा दे दिया है ताकि यह विभाग भी दूसरे विभागों की तर्ज पर आगे आ सके और इसकी अलग पहचान हो, और जो भी कार्य इस विभाग द्वारा करने है वह किया जा सके। योग को आगे ले जाने के लिए हरियाणा में योग-आयोग बनाया गया है। हमने संकल्प लिया है कि हरियाणा प्रदेश के 6500 गावों में योगशालाएं बनें, इसके दृष्टिगत 1000 योगशालाएं बना दी गई हैं, बाकी पर काम चल रहा है। शहरों मंे भी जहां पर मुमकिन स्थान है वहां पर योगशालाएं बनाई जा रही है। अम्बाला छावनी में, इंदिरा पार्क में, सुभाष पार्क में, बब्याल में, लालकुर्ती में भी व्यायामशालाएं हैं। खुषी जताते हुए उन्होंने कहा कि सुभाष पार्क के सामने जो व्यायामशाला है उसमें प्रतिदिन 700 से 800 लोग व्यायाम करते हैं और यहां पर योग करने के लिए लाईनें लगती हैं। उन्होंने कहा कि “एलोपेथिक दवाओं की भांति अब आयुर्वेदिक दवाओं की भी रिएर्म्बसमेंट हो सकेंगी, मैनें कल ही फाइल साइन की”।


आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि अल्टरनेट मैडिशन को बढावा देने के लिए आयुष विश्वविद्यालय बनाया गया है। आयुष के पांच विंग है, जिसमें आयुर्वेद, योगा, सिद्धा, युनानी व होम्योपैथी शामिल है। इन पांचों विंगों पर कार्य किया जा रहा है। कुरूक्षेत्र में आयुष विश्वविद्यालय खोला गया है। वहां पर 100 एकड़ जगह ली गई है जहां पर बिल्डिंग का निर्माण किया जायेगा। दूर-दूर से लोग यहां आकर हरियाणा में इसकी शिक्षा लेंगे।

उन्होंने बताया कि पंचकूला में लगभग 270 करोड़ रूपये की लागत से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान बनाया जा रहा है। दिसम्बर माह तक यह बनकर तैयार हो जायेगा। यहां पर 250 बैड का अस्पताल भी बनाया जायेगा तथा यहां 500 डाक्टर बनकर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि नंूह में युनानी कालेज बनाया गया है तथा अम्बाला छावनी में होम्योपैथिक कालेज व देवरखाना में प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 569 आयुष हैल्थ वैलनेस सैंटर, 4 आयुर्वेदिक अस्पताल, 6 आयुष प्राथमिक स्वास्थ्य अस्पताल, 19 युनानी अस्पताल, 26 होम्योपैथिक, 21 आयुष विंग हैं तथा हरियाणा के हर जिला अस्पताल में आयुष विंग है।


उन्होंने कहा कि आयुश के बजट में भी हर साल दर साल आयुष को बढ़ावा देने के लिए कार्य करते हैं। श्री विज ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में अन्य दवाईयों की तर्ज पर आयुर्वेदिक दवाईयों को भी आजमाना चाहिए। एलोपैथिक दवाईयों के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाईयों का भी प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि मरीज का जिस दवाई से बेहतर ईलाज हो सकता है उसे प्रयोग किया जाए।


आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि एलोपैथिक व आयुर्वेदिक में इंटीग्रेशन होना चाहिए, इनकी जो आपस में खींचतान है वह खत्म होनी चाहिए क्योंकि हमें सम्बन्धित मरीज को बेहतर ईलाज उपलब्ध करवाना है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे बुजुर्गों को पहले से ही पता था कि हमारी जो प्राचीन आयुर्वेद पद्धति थी जैसे हल्दी, सौंफ, दालचीनी उसमें मैडिशन गुण है, इनका प्रयोग करने से हम बीमार होने से बचते थे यानि हमारी नस्ल को आज तक बची हुई है उसका एक कारण यह यह प्राचीन पद्धति है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार डाक्टर एलोपैथिक दवाई लिखने से पहले टैस्ट करता है, उसी प्रकार आयुर्वेदिक दवाईयों का भी ट्रायल करना चाहिए, साईंस तरीके से इसका टैस्ट होना चाहिए यानि आयुर्वेद को बढ़ावा मिलना चाहिए। हम आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहते हैं।


उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीन विद्वा है, हमें उसका भरपुर लाभ उठाना है। आयुष एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम चाहते हैं कि एमबीबीएस की जो पढ़ाई है उसमें आयुर्वेद को भी शामिल किया जाए, इसके लिए कार्य किया जायेगा ताकि आयुर्वेद विद्वा का भी हम भरपुर लाभ उठा सकें।


उन्होंने कहा कि सूर्य शक्ति का स्त्रोत है, इस सारी धरती पर शक्ति या एनर्जी का जो भी स्त्रोत है वह सूर्य है। सूर्य हमारे अंदर की जीवन ज्योति बनकर हमें चलाता है, पेड पौधों को जो उर्जा व शक्ति देता है वह सूर्य ही है यानि इस धरती पर एनर्जी के जितने भी स्त्रोत है जैसे डीजल, पैट्रोल, कोयला या अन्य है उन सबमें उर्जा का स्त्रोत सूर्य है और अब तो सौलर पैनल लगाकर सीधा बिजली पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस बार के बजट में ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया है यानि प्रदूषण रहित उर्जा अर्था यानि इस धरती को दोबारा वैसा बना दें जैसे वह पहले वजूद में थी। उसमें सूर्य का बहुत बड़ा रोल है।

 


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News Editor

Archna Sethi

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