Mobile App से हाजिरी और कम से कम कागज का इस्तेमाल, कुछ इस तरह से होगा मानसून सत्र में कामकाज

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 07:54 PM (IST)

नई दिल्लीः आगामी सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों का नजारा बदला हुआ होगा। लोकसभा का कामकाज शत प्रतिशत डिजीटाइज़्ड हो जाएगा। सदस्य संसद में अपनी हाजिरी एक मोबाइल ऐप्लीकेशन के माध्यम से लगाएंगे। कार्यवाही के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार सदस्यों के बैठने की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। लोकसभा में सदन में केवल 257 सदस्यों को बैठने दिया जाएगा। लोकसभा की दर्शक दीर्घा में 172, राज्यसभा की दर्शक दीर्घा में 51 जबकि राज्यसभा के सदन में 60 सदस्यों के बैठने का स्थान होगा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि सभी राजनीतिक दलों को लोकसभा में उनकी संख्या के अनुपात के आधार पर अलग अलग जगहों पर सीटें आवंटित करके उन दलों के नेताओं को जानकारी दे दी गई है। अब किस सांसद को कहां बैठाना है, यह निर्णय दल का नेता करेगा। दलों के नेताओं को यह सलाह भी दी गई है कि 60 से अधिक आयु वाले सदस्यों को मुख्य सदन में भी बिठाया जाय।

बिरला ने कहा कि सभी सदस्यों का आरटी-पीसीआर से कोरोना का टेस्ट कराया जाएगा और निगेटिव रिपोटर् होने पर ही वे सदन की कार्यवाही में भाग लेंगे। इसी प्रकार से संसद कवर करने वाले पत्रकारों एवं यहां काम करने वाले कर्मचारियों का भी टेस्ट अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही बदली बदली होगी। लोकसभा में सदस्यों की सीटों के बीच एवं आगे पीछे फाइबर की सीट लगायी गई है और सदस्यों को सीट पर ही बैठे बैठे अपनी बात कहनी होगी। दर्शकदीर्घा में बैठने वाले सदस्यों के बोलने के लिए कुछ दूरी पर पोडियम लगाये गये हैं। राज्यसभा में बैठने वाले सदस्यों को कैमरे के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष से मुखातिब होंगे।

उन्होंने कहा कि सांसदों को उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अब रजिस्टर में हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं होगी। उनके लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया गया है। यह ऐप संसद भवन परिसर में आने पर ही सक्रिय होगा और मोबाइल के कैमरे से तस्वीर खींच कर सांसदों की उपस्थित दर्ज की जाएगी। सांसदों के मोबाइल फोन में ये ऐप डाउनलोड कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार सदन के काम को शत प्रतिशत डिजीटाइज्ड कर दिया जाएगा। पिछले सत्र में 62 प्रतिशत कामकाज डिजीटाइज्ड हो गया था।

उन्होंने कहा कि सदन में केवल 257 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। लोकसभा की दर्शक दीर्घा में 172, राज्यसभा की दर्शक दीर्घा में 51 जबकि राज्यसभा के सदन में 60 सदस्यों के बैठने का स्थान होगा। प्रधानमंत्री एवं सभी मंत्री लोकसभा में बैठेंगे।   बिरला के अनुसार लोकसभा में इस बार प्रश्नकाल भले ही नहीं होगा लेकिन सदस्यों को अतारांकित प्रश्न पूछने का अवसर मिलेगा और उनके उत्तर सदन के पटल पर रखे जाएंगे। शून्यकाल आधे घंटे का होगा। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को सदन की कार्यवाही पहले दिन सुबह नौ बजे से एक बजे तक चलेगी जिसमें सदन की कार्यवाही के संशोधित प्रारूप पर सदस्यों की स्वीकृति हासिल की जाएगी। इसके बाद अगले दिन से एक अक्टूबर तक अपराह्न तीन बजे सेे शाम सात बजे तक कार्यवाही चलेगी। सदन की स्वीकृति होने पर कार्यवाही के समय को बढ़ाया भी जा सकता है। रविवार एवं शनिवार को कोई अवकाश नहीं होगा।

एक सवाल के जवाब में बिरला ने स्पष्ट किया कि इस बार वह सर्वदलीय बैठक नहीं बुला रहे हैं। कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए आयोजित संसद के मानसून सत्र के पहले 13 सितंबर को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी जिसमें तकरीबन सभी दलों के सदस्य रहेंगे। उन्होंने कहा कि सभी दलों को साथ लेकर संसद की कार्यवाही चलेगी। पहले भी सबका साथ सबका सहयोग मिला है। इस बार भी राष्ट्रहित में हम सबके समक्ष इस चुनौती का समाधान मिल कर निकाला जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी है कि वह लोकसभा को अधिक से अधिक जनता के प्रति जवाबदेह बनायें। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में वह हर किसी को अपनी बात नियमानुसार कहने का अवसर दें। सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करें।              

 


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Yaspal

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