कोरोना के चलते आसाराम ने मांगी थी जमानत, गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 06:48 PM (IST)

नेशनल डेस्कः नाबालिग के यौन शोषण के दोषी आसाराम को सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए आसाराम ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई थी। जोधपुर जेल में सजा काट रहे आसाराम ने जेल में अन्य कैदियों के साथ रिहाई के लिए भूख हड़ताल भी की थी।

आसाराम ने हाईकोर्ट में याचिका में कहा था कि अगर वह जेल में ही रहता है तो उसको कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहेगा। ऐसे में उसे जमानत दी जाए। 84 साल के आसाराम को अक्‍टूबर 2013 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद नाबालिग के यौन शोषण के एक अन्‍य मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उसे जोधपुर की जेल में बंद कर दिया गया था।

याचिका में आसाराम ने अपनी अधिक उम्र का हवाला देते हुए कहा है कि उसे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक है। उसके वकील ने भी कहा, 'चूंकि आसाराम की उम्र अधिक है, ऐसे में उसे खतरा अधिक है। इसलिए उसे टेम्‍परेरी रूप से जमानत दी जाए।' वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का भी हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने केंद्र और राज्‍य सरकारों से जेल में बंद कैदियों को छोड़ने के लिए कहा था। आसाराम की जमानत याचिका का हाईकोर्ट में विरोध किया गया। राज्‍य सरकार को भी सुनने के बाद जस्टिस बेला त्रिवेदी ने आसाराम की जमानत याचिका चार महीने के लिए खारिज कर दी।

बता दें कि बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने भी आसाराम की रिहाई की मांग की थी। उन्‍होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था, 'अगर सजायाफ्ता कैदियों को सरकार की ओर से रिहा किया जा रहा है, तो गलत तरीके से दोषी पाए गए और 85 वर्षीय बीमार आसाराम बापू को पहले रिहा किया जाना चाहिए।


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Yaspal

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