दुखद: 200 से ज्यादा कोरोना शवों को सम्मान से विदाई देने वाले आरिफ खान ने तोड़ा दम

punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महामारी के दिनों में ज​हां अपनों ने ही अपनों से मुंह मोड़ लिया था तो वहीं एक शख्स ऐसा था हर समय कोरोना मरीजों के साथ खड़ा रहा। बात चाहे संक्रमित को अस्पताल पहुंचाने की हो या मरीज के मौत होने के बाद उसके शव का संस्कार करने की आरिफ खान नाम का शख्स कभी पीछे नहीं हटा। हालांकि वह भी इस महामारी से बच नहीं पाए और  कोरोना से जंग लड़ते लड़ते आरिफ ने दम तोड़ दिया। 

PunjabKesari

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने इस योद्धा कर मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है ।नायडू ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि आरिफ खान की मृत्यु समाज के लिए बड़ी क्षति है। कोविड महामारी के विरुद्ध अभियान के समर्पित योद्धा दिल्ली के आरिफ खान की मृत्यु के समाचार से दुखी हूं। महामारी के दिनों में अपनी एम्बुलेंस से आपने मृतकों की सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि में सहायता की। ऐसे समर्पित नागरिक की मृत्यु समाज के लिए क्षति है। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर पुण्यात्मा को आशीर्वाद दें और परिजनों को धैर्य प्रदान करें।

 

बता दें कि एम्बुलेंस ड्राइवर आरिफ ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैंकड़ों मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया और 200 से अधिक शवों को अंत्येष्टि के लिए श्मशान पहुंचाया। इतना ही नहीं आरिफ ने अंतिम संस्कार के लिए पैसे ना होने पर भी कई परिवारों की मदद की। बताया जा रहा है कि उन्होंने कई ऐसी लाशों का भी संस्कार किया गया, जिनके घर वाले घर पर क्वॉरन्टीन थे। 

 

शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि मुस्लिम होकर भी आरिफ ने अपने हाथों से 100 से अधिक हिंदुओं के शव का अंतिम संस्कार किया। वह 24 घंटे कोरोना संक्रमितों के लिए उपलब्ध रहते थे। आरिफ की तबीयत 3 अक्टूबर को खराब हुई थी, तब भी वह कोरोना संक्रमित को लेकर अस्पताल जा रहे थे। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। शहीद भगत सिंह सेवा दल ने आरिफ को असली कोरोना वॉरियर बताते हुए सरकार से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News