पैगंबर विवादित टिप्पणी पर अलकायदा की भारत को धमकी- नकवी बोले, इंसानियत को लहु-लुहान करना चाहते हैं
punjabkesari.in Wednesday, Jun 08, 2022 - 04:50 PM (IST)
नई दिल्ली: पैगंबर पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर आतंकी संगठन अल कायदा ने भारत में आत्मघाती हमले की धमकी दी है। जिसके बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि आतंकी संगठन अल-कायदा मुसलमानों के लिए मुसीबत है और वो उनकी हिफाजत नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग इस्लाम के नाम पर इंसानियत को लहु-लुहान करना चाहते हैं।
दरअसल, पैगंबर पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर तंकी संगठन ने भारत में आत्मघाती हमले की धमकी दी है। अलकायदा ने कहा कि भारत- गुजरात, यूपी, बॉम्बे और दिल्ली में आत्मघाती हमले करने के लिए तैयार है। अलकायदा की ये धमकी बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की उस विवादित टिप्पणी पर आई. जिसमें बीजेपी प्रवक्ता पर टीबी डिबेट के दौरान पैगंबर पर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा है।
इस पर अब भाजपा नेता नकवी ने कहा, अल-कायदा मुसलमानों की हिफाजत नहीं मुसीबत है. यह लोग इस्लाम को सुरक्षा कवच बनाकर इंसानियत को लहु-लुहान करना चाहते हैं. जो लोग पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा में फंस रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि हिन्दुस्तान की अनेकता में एकता की ताकत को कमज़ोर नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, जो लोग सलेक्टिव मानवधिकार की बात कर रहे हैं. जहां पर मानवधिकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
इसके साथ अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार के "भेदभाव रहित विकास" के संकल्प ने अल्पसंख्यकों समेत सभी वर्गों को तरक्की में बराबर का हिस्सेदार-भागीदार बनाया है तथा यही माहौल ‘‘भारत विरोधी तत्वों’’ की बेचैनी का कारण है। उन्होंने एक बयान में कहा कि भारत के सह-अस्तित्व का समावेशी संस्कार, किसी भी संकीर्ण सांप्रदायिक साजिश का शिकार नहीं हो सकता।
नकवी ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम्" के संस्कार और "सर्वे भवन्तु सुखिनः" के संकल्प का ही नतीजा है कि हिंदुस्तान में दुनिया के सभी धर्मावलंबी समानता, स्वतंत्रता और समावेशी माहौल में फल-फूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलकायदा, मुसलमानों की “हिफाजत” नहीं “मुसीबत” है जो इस्लाम को “सुरक्षा कवच” बनाकर इंसानियत को लहूलुहान करने के मंसूबों में लगा है।
नकवी ने कहा कि दुनिया भर में रहने वाले हर दस मुसलमान में से एक मुसलमान भारत में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक, संवैधानिक स्वंत्रता और सुरक्षा के साथ रह रहा है। वहीँ पड़ोस के इस्लामिक देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे जुर्म और जुल्म पर खामोशी की चुनिंदा अधिकारों और स्वतंत्रता की सोच आश्चर्यचकित करने वाली है।
नकवी का कहना है कि भारत में तीन लाख से ज्यादा मस्जिदें हैं जहां इबादत होती है, इतने ही अन्य इबादतस्थल हैं। हजारों चर्च, गुरुद्वारे, बौद्ध प्रार्थना घर, पारसी और जैन मंदिर और पूजा स्थल हैं। इस तरह 50 हजार से ज्यादा पंजीकृत मदरसे हैं, 50 हजार से ज्यादा अन्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान। जो कई इस्लामिक देशों से भी ज्यादा हैं। यह सभी "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" और "अनेकता में एकता" की ताकत के एहसास को पुख्ता करते हैं।