AGR मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया को लगाई फटकार, पूछे कई तीखे सवाल

punjabkesari.in Monday, Jul 20, 2020 - 07:30 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया राशि के मामले में अगली सुनवाई की तारीख 10 अगस्त तय की है। सुप्रीम कोर्ट में आज समायोजित सकल राजस्व (AGR) मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय न्यायाधीश की बेंच ने वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि अगर आप कई दशकों से घाटे में चल रहे हैं तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर बकाया का भुगतान कैसे सुनिश्चित करेंगे?
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कोर्ट ने 18 जून को अपने फैसले में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को एक दशक की बैलेंस शीट देने को कहा था। वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, 'हमने एक दशक की बैलेंस शीट और टैक्स विवरण दर्ज कर दिया है।' इसके अतिरिक्त एजीआर मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि, 'यदि आप हमारे आदेशों का पालन नहीं करेंगे, तो हम आपके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे। जो भी गलत काम कर रहे हैं, उन्हें हम सीधे जेल भेज सकते हैं।'
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दूरसंचार कंपनियों से दो टूक शब्दों में कहा कि वह समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाये के पुन: आकलन के बारे में चंद सेकेण्ड के लिए भी दलीलें नहीं सुनेगा। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की राशि करीब 1.6 लाख करोड़ रूपए है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाए के भुगतान की समय सीमा के मसले पर सुनवाई पूरी कर ली। पीठ इस पर अपना फैसला बाद में सुनाएगी।
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पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘हम पुन: आकलन (समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाया) पर एक सेकेण्ड भी बहस नहीं सुनेंगे।'' इससे पहले, केन्द्र ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि इन दूरसंचार कंपनियों को एजीआर से संबंधित बकाया राशि के भुगतान के लिए 20 साल का समय दे दिया जाए। इस मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि 15-20 साल का समय तर्कसंगत अवधि नहीं है और दूरसंचार कंपनियों को एक व्यावहारिक समय बताना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि दिवालिया प्रक्रिया के लिए जा रही कुछ दूरसंचार कंपनियों की नेक नीयति के पहलू पर वह विचार करेगी।
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शीर्ष अदालत को 18 जून को केन्द्र ने सूचित किया था कि दूरसंचार विभाग ने गेल जैसे गैर-संचार सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर से संबंधित बकाया राशि के रूप में चार लाख करोड़ रू के भुगतान की मांग में से 96 फीसदी मांग वापस लेने का फैसला किया है। अदालत ने भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया जैसी निजी संचार कंपनियों से कहा था कि वे इस बकाया राशि के भुगतान के बारे में तर्कसंगत योजना पेश करें और अपनी नेकनीयती का परिचय देने के लिये इस रकम में से कुछ राशि का भुगतान करें तथा पिछले दस साल के अपने खाते पेश करें।


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Yaspal

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