Voda-Idea के बाद Airtel भी यूजर्स को झटका देने की तैयारी में , 1 दिसंबर से महंगे होंगे टैरिफ प्लान
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 08:39 PM (IST)
नई दिल्ली: वोडाफोन आइडिया के बाद भारती एयरटेल भी ग्राहकों को झटका देने की तैयारी कर रहा है। एयरटेल अपने कारोबार को व्यवहारिक बनाने के लिए दिसंबर से अपनी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाएगी। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। एयरटेल ने बयान में कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ काफी पूंजी की आवश्यकता होती है। इसमें लगातार निवेश की जरूरत होती है। इस कारण यह बहुत जरूरी है कि डिजिटल इंडिया के विचार का समर्थन करने के लिए उद्योग को व्यवहारिक बनाए रखा जाए।
कंपनी ने बयान में कहा , " इस देखते हुए , एयरटेल दिसंबर महीने में उचित दाम बढ़ाएगी। " भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 23,045 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह मानती है कि दूरसंचार नियामक ट्राई भारतीय मोबाइल क्षेत्र में मूल्य निर्धारण में तर्कसंगत व्यवहार लाने के लिए सलाह - मशवरा की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
इससे पहले वित्तीय संकट के मद्देनजर दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एक दिसंबर से मोबाइल सेवा की दरें बढ़ाने का फैसला किया। वोडाफोन आइडिया ने बयान में कहा," अपने ग्राहकों को विश्वस्तरीय डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए कंपनी एक दिसंबर 2019 से अपने टैरिफ के दाम बढ़ाएगी।" हालांकि, कंपनी ने फिलहाल टैरिफ में प्रस्तावित वृद्धि से जुड़ी जानकारी नहीं दी है। वोडाफोन आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ है।
किसी भारतीय कंपनी का एक तिमाही में यह अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर बकाए के भुगतान के लिए जरूरी प्रावधान किए जाने की वजह से उसे यह नुकसान हुआ। न्यायालय ने सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए वोडाफोन आइडिया समेत अन्य दूरसंचार कंपनियों को बकाए का भुगतान दूरसंचार विभाग को करने का निर्देश दिया है।
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि अब कारोबार जारी रखने की उसकी क्षमता सरकारी राहत और कानूनी विकल्पों के सकारात्मक नतीजों पर निर्भर करेगी। बयान में कहा गया है," दूरसंचार क्षेत्र में गंभीर वित्तीय संकट को सभी हितधारकों ने माना है और कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति उचित राहत देने पर विचार कर रही है।"